राजधानी जयपुर स्थित सिरसी रोड पर राजपूत समाज की महिलाओं ने विरोध के लिए पहले सड़कों पर जमा हुई। उसके बाद फिल्म के पोस्टर को पैरों से कुचलते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया। तो उधर राजपूत समाज की ओर से 30 नवम्बर को राजस्थान बंद के साथ 19 नवम्बर को दिल्ली के तालकटौरा स्टेडियम में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन के आयोजन का एलान किया गया है। प्रदेश में बढ़ते जनाक्रोश को देखने से लगता है कि रानी पद्मावती के नाम पर एकजुट हो चुका राजपूत समाज अब इस मुद्दे से अपने कदम पीछे खींचने के मूड में नहीं है।
हालांकि फिल्म के निर्माण को लेकर निर्देशक संजय लीला भंसाली अपनी सफाई भी दे चुके हैं। बावजूद इसके लोगों में फिल्म के इतिहास के साथ छेड़छाड़ को पैदा हुआ गुस्सा अब विरोध प्रदर्शन और चेतावनी के रुप में बदल गया है। यहां तक की अब तक घरों में घूँघट की आड़ में ही रहने वाली राजपूत समाज की क्षत्राणियां भी हर रोज विरोध करते हुए सड़कों पर आ रही हैं, जबकि पद्मावती फिल्म के पोस्टरों पर अपना गुस्सा निकाल कर महिलाओं के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सरकार को भेज रही हैं।
गौरतलब है इन दिनों देशभर में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती खूब विवादों में घिरी हुई है, जबकि राज्स्थान में तो फिल्म को लेकर विवाद एक अलग रुप में तब्दील हो चुका है। यहां विरोध और चेतावनी के साथ फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ के आरोप लग रहे हैं। जिसके बाद फिल्म पद्मावती प्रदेश में हर दिन एक नए विवाद के साए में घिरती जा रही है। इसके साथ ही फिल्म को लेकर प्रदेश के लोगों का गुस्सा सड़कों तक आ चुका है। ऐसे में फिल्म को यहां रिलीज करना अब इतना आसान नहीं रह गया है। प्रदेश में आम लोगों के साथ-साथ पूर्व राजघरानों से जुड़े परिवार भी विरोध में खुलकर सड़कों पर उतर गए हैं।