आखिर कहां अटक गया राजस्थान का मंत्रिमण्डल
राजस्थान में भजनलाल सरकार को बने भले ही 13 दिन हो गए हैं। लेकिन सरकार अपनी रफ्तार सही ढंग से नहीं पकड़ पा रही है। हालांकि सरकार ने कुछ प्रमुख निर्णय भी लिए हैं। एंट्री गैंगस्टर्स का गठन किया है। पिछली सरकार की पुरानी योजनाओं को बंद नहीं करने के आश्वासन के बाद भी सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है।
100 दिन की कार्ययोजना, 25 दिन तो निकल गए
राजस्थान में तीन दिसम्बर को परिणाम आया। सीएम चयन में भी काफी देरी की। पहले छत्तीसगढ़ और इसके बाद मध्यप्रदेश में सीएम का चयन किया गया। सबसे अंत में राजस्थान का नम्बर आया। इसी तरह अब भाजपा आलाकमान मंत्रिमण्डल गठन में भी राजस्थान को तीसरे नम्बर पर प्राथमिकता दे रहा है। यही कारण है कि अब तक राजस्थान में मंत्रिमण्डल गठन का दूर-दूर तक कोई अता-पता नहीं है। इधर सरकार सौ दिन की कार्ययोजना पर काम तो कर रही है, लेकिन अप्रेल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के चलते मार्च में ही आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में सरकार को लोकसभा चुनाव के चलते100 दिन भी काम करने को नहीं मिलेगा।
सीएम के 12 दिन में प्रमुख 11 काम
1-पेपर लीक के लिए एसआईटी का गठन।
2-एंटी गैंगस्टर टीम का गठन।
3-गहलोत सरकार की सभी राजनीतिक नियुक्तियां रद्द।
4-पद भर ग्रहण करते ही पूरा सीएमओ एपीओ।
5-हर विभाग को 100दिन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश।
6-चिंरजीवी में इलाज को लेकर दिया स्पष्टीकरण,आयुष्मान योजना में करेंगे इलाज।
7-वित्त विभाग का आदेश प्रदेश में सभी नए निर्माण कार्यों पर लगाई रोक।
8-सीएम एसएमएस अस्पताल पहुंचे,दिखाई सख्ती, तीन नर्सिंगकर्मी निलम्बित।
9-पुलिस विभाग की ली बैठक, अपराधियों पर सख्ती बरतने के निर्देश।
10-राजीव गांधी युवा मित्र इन्टर्नशिप कार्यक्रम बंद तो इधर 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती रद्द।
11-एक जनवरी से उज्जवला लाभार्थियों को 450 रुपए में मिलेगा गैस का सिलेंडर