वहीं राजपूत समाज के युवाओं ने शहर के चंद्रलोक सिनेमा के मैनेजर से मुलाक़ात कर पद्मावती फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने की बात कही। शहर में इंदिरा गांधी स्टेडियम के समीप भूपाल राजपूत छात्रावास में शनिवार शाम विभिन्न समाज, संगठनों की बैठक में सामूहिक रूप से निर्णय लिया।
इस बैठक में तीन नवंबर को कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री व सूचना प्रसारण मंत्री को ज्ञापन देने, ज्ञापन के दिन चित्तौडग़ढ़ जिला बंद रखने की बात तय की गई। इसके अलावा आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री व सूचना प्रसारण मंत्री से मिलने, छविगृह के मालिक व संचालकों से पद्मावती फिल्म नहीं चलाने, क्रमिक धरना-प्रदर्शन करने आदि कई सामूहिक निर्णय भी लिए गए।
जिले मेंं नहीं लगने देंगे फिल्म, पोस्टर
पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन के विरोध में राजपूत समाज के युवाओंं ने चित्तौडग़ढ़ शहर समेत जिले में किसी भी सिनेमाघर में इस फिल्म के पोस्टर लगने या फिल्म चलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
राजस्थान ही नहीं एमपी में भी हो रहा फिल्म का विरोध
फिल्म पद्मावती को लेकर सिर्फ राजस्थान में ही विरोध नहीं हो रहा है। मध्य प्रदेश में भी लोग इस फिल्म के विरोध में सडकों पर उतर आये। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की ओर से खंडवा में हाल ही में एक रैली निकालकर फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।
सूचना संचार मंत्री को संबोधित ज्ञापन अभिषेक कार्निवाल के मैनेजर को सौंपा गया। ज्ञापन में लिखा कि समस्त राजपूत समाज व हिंदू संगठन निवेदन करते हैं कि फिल्म पद्मावती में निर्देशक संजय लीला भंसाली द्वारा रानी सती पदमिनी जी के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है।
16 हजार हिंदू स्त्रियों ने किया जौहर
रानी पद्मिनी ने 16 हजार हिंदू स्त्रियों के साथ अपना मान-सम्मान बचाने के लिए जौहर किया था। लेकिन संजय लीला भंसाली द्वारा सती रानी पद्मिनी के चरित्र का फिल्म में अपमानजनक चित्रण किया है। भारतीय संस्कृति व इतिहास का अपमान किया जा रहा है। वहीं बिग सिनेमा संचालक व मैनेंजर को सख्त हिदायत दी है कि इस फिल्म का संचालन न करें। अन्यथा करणी सेना बेकाबू हो जाएगी।