6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रक्षाबंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए मिलेंगे सिर्फ 3 घंटे और 26 मिनट, जानिए 30 या 31 अगस्त कब है रक्षाबंधन पर्व

Raksha Bandhan 2023: घनिष्ठा नक्षत्र, राजयोग सहित अन्य योग संयोगों में भाई- बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व एक के बजाय दो दिन 30-31 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक रक्षाबंधन का पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा भद्रा रहित अपराह्न काल में मनाया जाता है।

2 min read
Google source verification
raksha_bandhan_2023.jpg

हर्षित जैन/जयपुर.

Raksha Bandhan 2023: घनिष्ठा नक्षत्र, राजयोग सहित अन्य योग संयोगों में भाई- बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व एक के बजाय दो दिन 30-31 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक रक्षाबंधन का पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा भद्रा रहित अपराह्न काल में मनाया जाता है। शास्त्रानुसार पर्व पर भद्रा विशेष रूप से वर्जित बताई गई है। इस बार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा 30 अगस्त बुधवार को सुबह 10.59 से शुरू होगी, यह अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7.06 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा की शुरुआत के साथ भद्रा सुबह 10.59 बजे से शुरू होकर रात 9.02 बजे तक रहेगी। दिन में राखी बांधने का मुहूर्त नहीं रहेगा।

- दिन में राखी बांधने का नहीं रहेगा मुहूर्त
- भद्रा सुबह 10.59 बजे से शुरू होकर रात 9.02 बजे तक
यह भी पढ़ें : इस जिले में 54 हजार से ज्यादा किसानों को फ्री मिलेगी ये बड़ी सुविधा


भद्रा में राखी क्यों नहीं बांधते हैं
ज्योतिष सम्राट पंचांग के निर्माता पं. चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि द्वितीय श्रावणशुक्ल चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा शुरू होने के साथ ही पूर्णिमा भी भद्रा प्रातः 10:59 से रात्रि 09:02 तक रहेगी। रात्रि 09:02 के पश्चात मध्यरात्रि 12:28 तक राखी बांधी जा सकती है। ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांध दी थी, जिस वजह से रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया।

रात 12.28 बजे तक मुहर्त
बंशीधर पंचाग के निर्माता ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि राखी बांधने के लिए भद्रा की स्थिति में दो नियम प्राप्त होते हैं। इस बार दूसरा नियम यानि 31 अगस्त को पूर्णिमा सूर्योदय के बाद 2 घंटे 24 मिनट उपलब्ध नहीं होने से एक दिन पहले ही भद्रा के बाद रात 9.02 बजे से निषिथ काल रात 12.28 बजे तक राखी बांधी जा सकती है। केंद्र-राज्य सरकार के कैलेंडर में पर्व का अवकाश 30 अगस्त को ही रहेगा।
यह भी पढ़ें : Rajasthan News: अब जयपुर में लगेंगे स्मार्ट मीटर, मिलेगी मुफ्त पानी की छूट

देवालयों में पर्व 31 को
पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया ग कि 31 अगस्त को सूर्योदय के बाद सिर्फ 57 मिनट ही पूर्णिमा रहेगी। जो त्रि-मुहूर्त से अल्प रहने से पर्व के हिसाब से शास्त्रसम्मत नहीं है। महज औपचारिकता के हिसाब से देवालयों में भगवान को भक्त 31 को राखी बांधेंगे। जयपुर में इस्कॉन मंदिर, ने अक्षयपात्र मंदिर के साथ ही राजस्थान के सभी बड़े मंदिर नाथद्वारा, वृंदावन सहित अन्य मंदिरों में 31 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। गोविंददेव जी मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया के कि अभी पर्व पर विचार चल रहा है।