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रणथम्भौर: एरोहैड की बेटी की विदाई तय, बाघिन के मुंह मानव खून लगने से माना जा रहा खतरनाक

अन्य टाइगर रिजर्व या बॉयोलोजिकल पार्क में होगी शिफ्ट, रेंजर व सात वर्षीय बालक को उतारा था मौत के घाट

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जयपुर

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Mahesh Jain

May 16, 2025

सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से एक बार फिर एक युवा बाघिन की विदाई होना लगभग तय हो चुका है। रणथम्भौर में रेंजर और एक सात वर्षीय बालक को मौत के घाट उतारने वाली और बार-बार आबादी क्षेत्र में आने वाली बाघिन टी-84 की बेटी यानी अवनि या कनकटी की रणथम्भौर से विदाई तय मानी जा रही है। दरअसल, गत दिनों कुतलपुरा मालियान के खेतों और होटल परिसर में आई बाघिन को वन विभाग की ओर से ट्रेंकुलाइज कर भिड़ नाके पर बने एनक्लोजर में शिफ्ट किया गया है। जानकारी के अनुसार विभाग की ओर से बाघिन को या तो प्रदेश के किसी अन्य टाइगर रिजर्व या फिर बॉयोलोजिकल पार्क में भेजा जाएगा। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। इसमें रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ अनूप के आर और वन्यजीव विशेषज्ञ धर्मेन्द्र खाण्डल को शामिल किया गया है। साथ ही पशु चिकित्सक डॉ. सीपी मीणा, बालेन्दू सिंह भी शामिल है। कमेटी की बैठक शनिवार को होनी है। इसमें आगे का निर्णय किया जाएगा।

वन विभाग ने सरकार को भेजी रिपोर्ट

बाघिन को एनक्लोजर में शिफ्ट करने के बाद वन विभाग की ओर से बाघिन के स्वभाव को लेकर एक रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में बाघिन के स्वभाव को उग्र बताते हुए मानव के लिए खतरनाक माना गया है। साथ ही बाघिन के मुंह इंसानी खून करने का भी जिक्र किया गया है।

इनका कहना है...

बाघिन के भविष्य को लेकर कमेटी की ओर से निर्णय किया जाएगा। इस संबंध में शनिवार को बैठक होनी है। बाघिन को रणथम्भौर से जल्द ही शिफ्ट करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

- अनूपकेआर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।