एसओजी सूत्रों के मुताबिक, आगरा से गिरफ्तार नरेगा में कनिष्ठ तकनीकी सहायक पृथ्वीराज मीणा ने कबूला है कि भजनलाल विश्नोई ने रीट परीक्षा से पहले पेपर उसको दिया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बाड़मेर में पोस्टिंग होने के दौरान उसकी मुलाकात भजनलाल से हुई थी। पृथ्वीराज को रीट परीक्षा के आयोजन से आठ नौ दिन पहले वाट्सएप कॉल किया और कहा कि रीट पेपर उपलब्ध कराने पर प्रत्येक परीक्षार्थी 12 लाख रुपए बताए। तब पृथ्वीराज ने साथी लाइनमैन रवि मीना उर्फ रवि पागड़ी और रवि मीना जीनापुर और बत्तीलाल मीणा से पेपर बेचने के संबंध में बातचीत की। भजनलाल ने 26 सितम्बर तड़के 3.45 बजे रीट पेपर पृथ्वीराज मीना को वाट्सएप पर उपलब्ध करवाया।
सवाईमाधोपुर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि पृथ्वीराज गैंग ने यहां पर पकड़े गए परीक्षार्थियों के अलावा 14 परीक्षार्थियों को पेपर 3 लाख, 7 लाख, 8 लाख और 10 लाख रुपए में बेचा। पेपर लेने वाले परीक्षार्थियों के परिजनों की तलाश जारी है। परीक्षार्थियों के अन्य परिजनों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है। वहीं दौसा में गिरफ्तार हुए कांस्टेबल ने जयपुर में दिलखुश मीणा से 15 लाख रुपए में पेपर खरीदने का सौदा तय कर अपने परिचित से 2 लाख रुपए अग्रिम दिलाए थे। इसका दौसा पुलिस ने खुलासा किया था। कांस्टेबल का परिचित जयपुर पेपर लेने पहुंचा, तब यहां पर कई लड़के पहले से पेपर लेने के लिए खड़े थे।
बाड़मेर में 3 वर्ष पहले कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में दूसरे की जगह परीक्षा देने पहुंचे भजनलाल को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले से भजनलाल विश्नोई प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक करने वाली गैंग से जुड़ा है। हालांकि अभी इस संबंध में पुलिस ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। भजनलाल गैंग ने रीट परीक्षा ट्रेजरी शाखा और परीक्षा केन्द्र के अंदर से लीक करवाया।
पेपर लीक करने के मामले में इन दोनों में एक का शाखा प्रमुख के भी गिरोह शामिल होने की आशंका जताई गई है। बिना शाखा प्रमुख के पेपर लीक होने की संभावना नहीं जताई जा रही। भजनलाल की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हो सकेगा। भजनलाल के गिरफ्तार होने पर उसने रीट पेपर पृथ्वीराज के अलावा और किस-किस को भेजा, इसका खुलासा हो सकेगा।
एसओजी ने गंगापुरसिटी कोर्ट में पृथ्वीराज मीना, बत्तीलाल मीना, रवि पागड़ी, रवि जीनापुर और शिवा को पेश किया, जहां से सभी को 17 अक्टूबर तक रिमांड पर सौंपा है। पुलिस व एसओजी टीम रीट परीक्षा में नकल प्रकरण की परतें खोलने की कवायद में लगातार जुटी हुई है। प्रकरण में अब तक 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एसओजी की जांच बढ़ने के साथ आरोपियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मामले में आरोपी हैड कांस्टेबल यदुवीर सिंह, कांस्टेबल देवेन्द्र सिंह, सीमा, लक्ष्मी, ऊषा व मनीषा, आशीष, दिलखुश पुत्र रामकेश मीना, दिलखुश पुत्र भरतलाल, संजय मीना, राजेश मीना, कांस्टेबल दिगम्बर सिंह, कांस्टेबल परमवीर सिंह व जयवीर की पूर्व में ही गिरफ्तारी हो चुकी है। एसओजी ने इसी मामले में राजेश को भी गिरफ्तार किया है।
रीट परीक्षा में नकल प्रकरण में ही पूर्व में गंगापुरसिटी कोतवाली पुलिस व एसओजी द्वारा गंगापुरसिटी से गिरफ्तार परीक्षार्थी ऊषा, मनीषा, लक्ष्मी व सीमा की ओर से एडीजे कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया। न्यायालय ने जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। अपर लोक अभियोजक मोहसिन खान ने बताया कि एडीजे संख्या-1 मधुसुुधन रॉय ने आरोपियों के अधिवक्ता की बहस सुनने के पश्चात जमानत अर्जी खारिज कर दी। इससे पहले अधीनस्थ अदालत भी आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है।
रीट परीक्षा से पहले पेपर बाहर भेजने के मामले में मुख्य आरोपी भजनलाल विश्नोई है। आरोपी को पकड़ने के लिए टीम जुटी है।
अशोक राठौड़, एडीजी, एसओजी-एटीएस