आयोग ने परिवादी शरद पण्ड्या के परिवाद पर यह निर्णय दिया। पण्ड्या ने सूचना नहीं मिलने पर आयोग को शिकायत की थी। आयोग के नोटिस पर जवाब में घाटोल के विकास अधिकारी हरिकेश मीणा ने जवाब दिया कि पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय किया गया कि सूचना नहीं दी जाए। मीणा ने आयोग को उक्त बैठक का कार्यवाही विवरण भी प्रेषित किया। इस बैठक में तत्कालीन सांसद मानशंकर निनामा, जिला प्रमुख रेशम मालवीय, विधायक हरेन्द्र निनामा सहित अन्य अधिकारी भी शामिल थे।
अपने निर्णय में सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने कहा कि पंचायत समिति, घाटोल की साधारण सभा ने ऐसा प्रस्ताव पारित कर दिया जो संसद द्वारा पारित सूचना आरटीआई कानून को अनाधिकृत एवं अवांछित रूप से स्थगित करता है। जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह संवैधानिक एवं वैधानिक प्रावधानों के अनुसार कार्य करें। मौजूदा प्रकरण में लगता है कि उक्त जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी अपनें दायित्व एवं कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति सजग नहीं है।
अपने आदेश में सूचना आयुक्त शर्मा ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिए कि वे पंचायती राज विभाग में परिपत्र जारी कर पंचायती राज संस्थाओं में आरटीआई कानून की पालना सुनिश्चित करें।