इधर फारूक अब्दुल्ला ने जन सुरक्षा कानून हटाए जाने के बाद रिहा होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक सभी लोगों को रिहा नहीं किया जाता है तब तक उनकी आजादी अधूरी रहेगी और वह संसद में राज्य के लोगों की आवाज को उठाएंगे। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने फारूक अब्दुल्ला पर लगाए गए जन सुरक्षा कानून (पीएसए) को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्णय लिया और प्रशासन की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 की धारा 19 (1) के तहत जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने के जिलाधिकारी के आदेश को हटाने का निर्णय लिया है।
अब्दुल्ला को केंद्र सरकार द्वारा गत वर्ष पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पीएसए के तहत पिछले सात महीने से हिरासत में रखा गया था। अब्दुल्ला ने कहा कि आज मेरे पास शब्द नहीं है, मैं आज आजाद हूं और अब दिल्ली जाकर संसद की कार्यवाही में हिस्सा लूंगा और राज्य के लोगों के लिए आवाज उठाउंगा। उनकी रिहाई के लिए प्रयास करने वाले लोगों को धन्यवाद देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जिन्होंने भी उनकी आजादी के लिए आवाज उठाई, वह उन सभी को धन्यवाद देते हैं लेकिन जब तक सभी लोगों को रिहा नहीं किया जाता है, तब तक उनकी आजादी अधूरी रहेगी।