ताजा रगड़ के निशान से पुलिस को मिला क्लू थानाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि गत 20 सितंबर की रात 9 बजे मिले शव की पहचान रामधन के रूप की गई थी। मृतक के शव पर चोट के निशान नहीं थे। शव का बारीकी से मुआयना करने पर पुलिस ने पाया कि मृतक के दोनों पैरों के अंगूठे व अंगुलियों पर ताजा रगड़ के निशान थे। पैरों में पहने हुए सैंडिल भी ताजा घीसे हुए थे। शव को अन्य जगह से लाकर सड़क पर डालकर दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया है। इसके कारण पैरों व सैंडिल पर निशान थे। इस पर पुलिस ने मृतक के गांव से लेकर ललवाड़ी चौराहे तक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इससे पता चला कि घटना के दिन रामधन मोटरसाइकिल पर संजय चौधरी व राकेश चौधरी के साथ बैठकर घटनास्थल तक आया था।
बीमारी से पीडि़त था
थाना प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि रामधन की पत्नी और एक पुत्र की पूर्व में मृत्यु हो चुकी थी। परिवार में उसका 10 वर्ष का बेटा हिमांशु बचा था। मृतक किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित था। इस पर रामधन ने एक कंपनी से एक करोड़ रुपए का बीमा करवाया था। नोमिनी अपने साले माधोसिंहपुरा चाकसू निवासी मंगलाराम चौधरी को बनाया था। साढू मांदी थाना फागी जयपुर निवासी मुकेश चौधरी और रामधन साथ मिलकर बजरी का काम करते थे। बीमारी और क्लेम की राशि के चलते मुकेश ने आरोपी संजय और राकेश से मुलाकात की और रामधन की हत्या करवा दी।