मोहित शर्मा/जयपुर। चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद बसपा विधायक मनोज न्यांगली सोमवार को सदन में पिस्टल लेकर पहुंच गए। दो घंटे तक वे सदन में पिस्टल लेकर बैठे भी रहे, लेकिन किसी को पता नहीं लगा, जबकि विधानसभा के पश्चिमी गेट पर मीडिया से बातचीत के दौरान ही न्यांगली के पास पिस्टल साफ नजर आ रही थी।
सबसे बड़ी बात यह है कि विधानसभा के सदन में मोबाइल तक ले जाने की अनुमति नहीं है, वहां विधायक पिस्टल के साथ सदन में बैठे रहे। इस घटना ने विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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इस पूरे घटनाक्रम पर मनोज न्यांगली ने बाद में माफी मांगते हुए कहा कि गलती से पिस्टल लेकर आ गया था, ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी। आपको बता दें कि न्यांगली पर कुछ साल पहले हरियाणा की गैंग ने फायरिंग की थी, इस जानलेवा हमले में न्यांगली की आंख में गोली लगी थी। न्यांगली के भाई की भी हत्या हो चुकी है, मनोज न्यांगली की जान पर खतरा देखते हुए सरकार ने उन्हें सुरक्षा भी दे रखी है। यही नहीं न्यांगली बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहनकर रहते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम पर मनोज न्यांगली ने बाद में माफी मांगते हुए कहा कि गलती से पिस्टल लेकर आ गया था, ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी। आपको बता दें कि न्यांगली पर कुछ साल पहले हरियाणा की गैंग ने फायरिंग की थी, इस जानलेवा हमले में न्यांगली की आंख में गोली लगी थी। न्यांगली के भाई की भी हत्या हो चुकी है, मनोज न्यांगली की जान पर खतरा देखते हुए सरकार ने उन्हें सुरक्षा भी दे रखी है। यही नहीं न्यांगली बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहनकर रहते हैं।
शादी नहीं करवाने बात पर आया गुस्सा, बेटे ने लाठियों से पीटकर की पिता की हत्या विधायकों की सुरक्षा जांच नहीं होती, एक वजह यह भी रही कि वे पिस्टल लेकर सदन में आ गए। इस पूरे मामले में कार्रवाई का अधिकार स्पीकर को है।
वहीं इस मामले को लेकर वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि सदन में नहीं ले जा सकते हथियार। चाहे लाइसेंसी हथियार ही हो। उन्होंने कहा कि आसन के संज्ञान में कोई इस मामले को लाता है तो आसन इस पर कार्रवाई कर सकता है।