ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि गणेश चतुर्थी व्रत हमें हर प्रकार के संकटों से बचाता है. यह इतना प्रभावशाली व्रत है कि शनि की साढे साती से पीड़ित लोगों को भी राहत देता है. धनु, मकर, कुंभ राशिवालों और शनि की ढैया वाली राशियों -मिथुन व तुला वाले जातकों को यह व्रत जरूर रखना चाहिए. यह उन्हें संकटों से बचाता है। यह व्रत कम से कम एक वर्ष तक करें।
श्रावण कृष्ण चतुर्थी व्रत के दिन गणेशजी को दूर्वा जरूर अर्पित करें। गणेश चतुर्थी व्रत करनेवालों को उदय हुए चंद्रमा, श्रीगणेश और चतुर्थी माता को गंध, अक्षत आदि के साथ अर्घ्य देना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि गणेशजी बुद्धिविधाता, संकटनाशक हैं। यही कारण है कि जब हनुमानजी सीताजी को खोजने के लिए निकलने को तैयार हुए तो उन्होंने भी यह व्रत किया था। व्रत फलदायी हुआ और उन्होंने अपने बल के साथ बुद्धि का प्रयोग करते हुए सभी संकटों से पार पाते हुए माता सीता को खोजने में सफलता प्राप्त की.