Makar Sankranti 2021 दो सदी बाद दुर्लभ संयोग में आई संक्रांति, जानें मकर संक्रांति पर दान का महत्व
How To Worship To Lord Sun Surya Puja Vidhi Makar Sankranti On 14 January 2020 आज पौष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा और गुरुवार है। आज सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यही कारण है कि आज महापर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। इस दिन सूर्य उत्तरायण भी हो जाता है। सूर्य के उत्तरायण होते ही रात छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति पर तीर्थ स्नान, पूजा—पाठ के साथ ही दान का सबसे ज्यादा महत्व है।

जयपुर. आज पौष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा और गुरुवार है। आज सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यही कारण है कि आज महापर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। इस दिन सूर्य उत्तरायण भी हो जाता है। सूर्य के उत्तरायण होते ही रात छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति पर तीर्थ स्नान, पूजा—पाठ के साथ ही दान का सबसे ज्यादा महत्व है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोेमेश परसाई बताते हैं कि मकर संक्रांति यानि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना बहुत ही पुण्यदायक समय है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में आते हैं। शनि अपने पिता सूर्य से शत्रुता रखते हैं पर सूर्यदेव शनि के प्रति समभाव रखते हैं। सूर्य के शनि के घर में जाने के साथ ही उत्तरायण होता है जिसे देवताओं के दिन की शुरुआत माना जाता है।
इस बार मकर संक्रांति पर अनूठा संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार मकर राशि में पहले से बुध, गुरु और शनि विद्यमान हैं। अब चंद्रमा और सूर्य के भी आ जाने से मकर राशि में एक पांच ग्रहों का मिलन हो रहा है। यह पंचग्रही योग दो सदी बाद बन रहा है। पंचग्रही योग ने मकर संक्रांति के साथ ही सूर्य के उत्तरायण होने की शुभता और महत्ता बढ़ा दी है।
खास बात यह भी है कि इस बार मकर संक्रांति के दिन यानि 14 जनवरी को संक्रांति का पुण्यकाल दिनभर रहेगा। सूर्य सक्रांति सुबह 8:15 से शुरू होकर शाम को सूर्यास्त तक रहेगी। पंचग्रही संयोग के साथ ही आज अलग—अलग ग्रहों से बननेवाले अन्य राजयोग भी बन रहे हैं। 14 जनवरी को चंद्रमा, शनि, बृहस्पति और मंगल से बननेवाले शश, गजकेसरी, पर्वत और रुचक योग बन रहे हैं।
इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध करना और जरूरतमंदों को दान देना त्वरित फलदायी माना जाता है। मकर संक्रांति पर स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, चावल, फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्यदेव के मंत्र या गायत्री मंत्र का पाठ करें। इसके बाद पूजा—पाठ के साथ ही तिल दान जरूर करें। इस दिन तिल का दान करने से समृद्धि आती है और सौभाग्य बढ़ता है।
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