जारी हुए कार्यक्रम के अनुसार डॉ. पूनियां आज जयपुर से सड़क मार्ग से रवाना होकर किशनगढ़, नसीराबाद, बाड़ी घाटी, पादू कलां, लाम्पोलाई, रैण बाइपास, कुचेरा, मूण्डवा, खींवसर, खरनाल, नागौर सहित विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संवाद करेंगे। प्रवास कार्यक्रम के दौरान सड़क मार्ग पर उनका स्वागत अभिनन्दन और मेल-मुलाकातों का सिलसिला भी जारी रहेगा।
बढ़ रही दुष्कर्म घटनाएं, सरकार विफल : डॉ पूनियां
इधर प्रवास कार्यक्रम पर रवाना होने से पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कल एक बयान जारी कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म मामलों पर डॉ. पूनियां ने कहा कि गहलोत शासनकाल में महिलाएं-युवतियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उदयपुर, अलवर, जयपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में आए दिन दुष्कर्म व गैंगरेप के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन ऐसे मामलों को रोकने के लिये सरकार के पास कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं है।
‘सरकार का इकबाल ख़त्म, अपराधी बेलगाम’
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि, कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल में 5 लाख 28 हजार से अधिक आपराधिक घटनायें व जून में 17 हजार से अधिक घटनायें ये साबित करती हैं कि सरकार का इकबाल पूरी तरह खत्म हो चुका है और अपराधियों का हौसला तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि, महिलाओं व बच्चियों के प्रति 95 हजार से अधिक आपराधिक मामले, जिनमें दुष्कर्म के 14 हजार से अधिक मामले, जून में 550 से अधिक दुष्कर्म के मामले, दलितों के खिलाफ अपराधों में 35 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी, आदिवासियों के खिलाफ 57.76 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार के राज में बहन-बेटियां, दलित, आदिवासियों सहित सभी असुरक्षित हैं।
‘जंगलराज पर चुप्पी क्यों?’
डॉ. पूनियां का कहना है कि झालरापाटन में कृष्णा वात्मीकि की पीट-पीटकर हत्या, पाली जिले में दलित युवक पर हमला, माण्डलगढ़ में दलित युवक के साथ मारपीट, इन सब घटनाओं से क्या मुख्यमंत्री को यह नहीं लगता है कि राजस्थान में जंगलराज के हालात बन चुके हैं, ऐसे में भी वे क्यों मौन हैं? राज्य में दुष्कर्म, गैंगरेप, दलितों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की बढ़ रही वारदातों पर मुख्यमंत्री को शिकंजा कसने की जरूरत है, अगर वे नहीं कर सकते तो कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।