कंप्यूटर टीचर भर्ती का प्रस्ताव एक माह में वित्त विभाग को भेजे
कंप्यूटर लैब बनाने तक सीमित रही सरकार लेकिन अध्यापक भर्ती को भूली सरकार
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने कंप्यूटर शिक्षक भर्ती का प्रस्ताव एक माह में तैयार कर राज्य सरकार को भेजने को कहा है। न्यायालय ने आदेश की प्रति वित्त विभाग को देने को कहा है ताकि इस पर आवश्यक कार्रवाई हो सके। न्यायालय में शुक्रवार शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव मंजू राजपाल भी उपस्थित रही। मामले में राज्य सरकार को 17 मार्च को रिपोर्ट पेश करनी है।
डॉ चेतना यादव ने राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य किया हुआ है। लेकिन अब तक एक भी स्थायी कंप्यूटर अध्यापक की भर्ती नहीं हुई है। तीन माह का आरएससीआईटी कोर्स करने के बाद आए संविदा पर नियुक्त शिक्षक बच्चों को कंप्यूटर पढ़ा रहे हैं और हर साल परीक्षा के बाद छात्रों को अंक भी दिए जा रहे हैं लेकिन पुस्तिकाएं चैक करने वाला कोई नही है। याचिकाकर्ता के वकील टीएन शर्मा ने कहा कि सीबीएसई के साथ ही हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में कंप्यूटर शिक्षक का अलग से कैडर है जिन पर योग्य शिक्षकों की भर्ती होती है। लेकिन प्रदेश में सरकार केवल कंप्यूटर खरीदने और लैब बनाने तक सीमित है अब तक दस हजार स्कूलों में लैब बनाई जा चुकी है। न्यायायल में उपस्थित प्रमुख शिक्षा सचिव मंजू राजपाल ने कहा कि नियमित कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए वित्त विभाग से अनुमति मांगी थी लेकिन वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी। जिस पर न्यायालय ने एक बार फिर से इसका प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेजने के आदेश दिए साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ता एसएस राघव को आदेश की प्रति अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त को भेजने के निर्देश दिए।
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