बता दें कि मंगलवार को एसओजी ने पेपरलीक मामले में गिरफ्तार 15 प्रशिक्षु थानेदारों सहित 705 थानेदारों की दोबारा परीक्षा ली थी। इनमें वे थानेदार भी शामिल रहे जो राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) व आरपीटीसी (राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर) किशनगढ़ में ट्रेनिंग ले रहे हैं। सभी से वे दो-दो पेपर हल कराए गए थे, जो उन्हें मूल परीक्षा में मिले थे। दोबारा परीक्षा के बाद एसओजी ने माना कि आधे से ज्यादा एसआई तो सही जवाब ही नहीं दे पाए। अभी इनकी ओएमआर शीट की जांच जारी है। एसआई भर्ती परीक्षा 13, 14 व 15 सितम्बर 2021 को हुई थी। ऐसे में तीन दिन परीक्षा कराना भी संदेह के घेरे में है।
इधर, अब आरपीएससी भी एसओजी के रडार पर है। एसओजी अब भर्ती परीक्षा से जुड़े तत्कालीन अफसरों से पूछताछ कर सकती है। वहीं, इस मामले में एसओजी अन्य संदिग्ध सब इंस्पेक्टरों पर कार्रवाई की तैयारी में है। इस मामले में करीब 200 सब इंस्पेक्टर एसओजी के रडार पर है, जिनके नम्बर सहित अन्य मामलों में गड़बड़ी की बात सामने आई है। पड़ताल में सामने आया कि गिरोह ने रवीन्द्र बाल भारती स्कूल से 14 व 15 सितम्बर का पेपर लीक किया था।
पेपर लीक कर थानेदार बने 14 आरोपियों में से 13 को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। हालांकि, एक महिला एसआई की तीन महीने की बच्ची होने की वजह से बुधवार को कोर्ट ने जमानत दे दी। यह अभ्यर्थी एसआई बनने के बाद राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। इनमें सांचौर निवासी नरेश बिश्नोई, नारंगी कुमारी बिश्नोई, राजेश्वरी, सुरेन्द्र बिश्नोई, बाड़मेर निवासी गोपीराम जांगू, श्रवण कुमार बिश्नोई, मनोहर बिश्नोई, मलसीसर झुंझुंनू निवासी करणपाल गोदारा, विवेक भाम्बु, एकता कुमारी, रोहिताश कुमार सिद्धार्थ यादव को जेल भेजा है। इनके अलावा जोधपुर निवासी चंचल को जमानत दी गई है।