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राजस्थान में एक और परीक्षा में फर्जीवाड़ा…7वीं और 36वीं रैंक लाने वाली 2 महिला अभ्यर्थी अरेस्ट, ऐसे खुली पोल

RPSC School Lecturer exam 2022 : आयोग ने किसी संगठित गिरोह के फर्जीवाड़े की आशंका के चलते मामला एसओजी को सौंपा है। अब आयोग दोनों को आजीवन डिबार करने की कार्रवाई करेगा।

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RPSC School Lecturer exam 2022 : अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने प्राध्यापक हिंदी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में उत्तीर्ण दो महिला अभ्यर्थियों की फर्जी डिग्रियां पकड़ी हैं। दोनों के खिलाफ बुधवार को सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दी गई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। आयोग ने किसी संगठित गिरोह के फर्जीवाड़े की आशंका के चलते मामला एसओजी को सौंपा है। अब आयोग दोनों को आजीवन डिबार करने की कार्रवाई करेगा।

सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि गांव वाड़ा भाड़वी तहसील बागोड़ा सांचौर जिला निवासी कमला कुमारी (31) पुत्री भारमल विश्नोई और गांव भूतेल देवड़ा तहसील चितलवाना निवासी ब्रह्मा कुमारी पुत्री बाबूलाल 15 अक्टूबर 2022 को आयोजित प्राध्यापक हिंदी (स्कूल शिक्षा) भर्ती -2020 के तहत सामान्य और हिंदी विषय की परीक्षा में शामिल हुईं। परीक्षा में कमला की सातवीं और ब्रह्मा कुमारी को 36 वीं रैंक मिली।

मेहता ने बताया कि भर्ती विज्ञापन में अभ्यर्थियों के लिए हिंदी विषय में स्नातकोत्तर डिग्री होना जरूरी किया गया था। परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की पात्रता जांच 31 जुलाई से 14 अगस्त 2023 को कराई गई। कमला (रोल नंबर 442663) 10 अगस्त और ब्रह्मा कुमारी (रोल नंबर 431623) 7 अगस्त को पात्रता जांच में उपस्थिति हुई। कमला ने 2019 तथा ब्रह्मा ने 2018 में मेवाड़ यूनिवर्सिटी से एमए हिंदी की मार्कशीट जमा कराई। साथ ही 5 अगस्त को डिग्री प्राप्त होने पर जमा कराने का शपथ पत्र दिया।

कमला ने बीते साल 16 अगस्त और ब्रह्मा कुमारी ने 14 अगस्त को शपथ पत्र दिया। इसमें ई-मित्र संचालक की गलती से पीजी योग्यता में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) से एमए हिंदी के रोल नंबर का उल्लेख करने तथा पीजी डिग्री मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार की होना बताया। दोनों ने आयोग को वीएमओयू के स्थान पर मेवाड़ यूनिवर्सिटी का अभ्यर्थी होना बताया।

आयोग ने जनवरी से मार्च तक लगातार दोनों अभ्यर्थियों को वास्तविक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। इसके अलावा वीएमओयू को पत्र भेजकर पूछा। वहां से जवाब मिलने के बाद मेवाड़ यूनिवर्सिटी में पत्र भेजा। यूनिवर्सिटी ने दोनों अभ्यर्थी की डिग्री को फर्जी बताया। आयोग ने दोनों अभ्यर्थियों को 12 मार्च को प्रस्तुत होने को कहा, लेकिन दोनों बुधवार को पहुंची। साथ ही 15 मार्च को जारी शपथ पत्र देकर डिग्री को वैध बताया। आयोग ने तत्काल दोनों को सिविल लाइंस थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया।