वैसे सीकर ने अभी इस पर ट्रायल तो नहीं किया है, नगर निगम सीकर के आयुक्तश्रवण कुमार विश्नोई का कहना है कि हम इस पर अब काम शुरू करेंगे। साथ ही इस मॉडल में छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर मॉडल को भी शामिल किया जा सकता है, जहां महिलाएं सूखे कचरे को अलग करती हैं, जिसमें प्लास्टिक, टीन, शीशा वगैरह होता है, उसे नगर निगम बेचता है जिससे महिलाओं को भी आय होती है।
इन समस्याओं से मिलेगा छुटकारा
संसाधन व कर्मचारी की कमी के बीच यह प्रयोग बड़ी मदद करेगा।
सूखा व गीला कचरा मिश्रित होने से सडांध मारता है जिससे छंटनी में परेशानी नहीं होगी।
कचरे में से छंटनी भी आसानी से होगी।
संसाधन व कर्मचारी की कमी के बीच यह प्रयोग बड़ी मदद करेगा।
सूखा व गीला कचरा मिश्रित होने से सडांध मारता है जिससे छंटनी में परेशानी नहीं होगी।
कचरे में से छंटनी भी आसानी से होगी।
यों समझे सीकर मॉडल
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के तहत हर मकान से सोमवार से शनिवार तक गीला कचरा ही लिया जाएगा। कचरा संग्रहण करते ही उसे सीधे कम्पोस्ट के लिए भेज देंगे।
हॉस्पिटल, मेरिज होम, होटल, रेस्टोरेंट, कृषि मंडी, सब्जी मंडी आदि के पास ही पिट खुदवाकर कचरे का कम्पोस्ट बनाया जाएगा। आगे उनको ही कम्पोस्ट करने की अनिवार्यता लागू की जाएगी।
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के तहत हर मकान से सोमवार से शनिवार तक गीला कचरा ही लिया जाएगा। कचरा संग्रहण करते ही उसे सीधे कम्पोस्ट के लिए भेज देंगे।
हॉस्पिटल, मेरिज होम, होटल, रेस्टोरेंट, कृषि मंडी, सब्जी मंडी आदि के पास ही पिट खुदवाकर कचरे का कम्पोस्ट बनाया जाएगा। आगे उनको ही कम्पोस्ट करने की अनिवार्यता लागू की जाएगी।
सीकर का मॉडल बहुत बेहतर व अच्छा लगा। हम इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने जा रहे हैं।
वी.के. जिंदल, संयुक्त सचिव, स्वच्छ भारत मिशन, नई दिल्ली
वी.के. जिंदल, संयुक्त सचिव, स्वच्छ भारत मिशन, नई दिल्ली