अलवर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि बालिका को शुक्रवार को बालिका गृह के संचालक चेतराम सैनी के साथ जयपुर बाल कल्याण समिति के पास भिजवाया गया। वहां जयपुर बाल कल्याण समिति ने भाइयों को भी बुलाया और तीनों बहन भाइयों को एक साथ मिलाया।
दो भाइयों की यह बहन नहीं मना पाती है रक्षाबंधन, आपको भी झकझोर देगी इसकी दर्दभरी कहानी
पत्रिका ने उठाया था मामला
राजस्थान पत्रिका ने रक्षाबंधन से दो दिन पूर्व भैया तुम कहां हो, आ जाओ रक्षाबंधन आ गया है – शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर में बताया गया था कि बालिका के मां बाप पहले ही खो गए थे और पांच साल पहले अलवर के बाल गृह में रहने वाले भाइयों को भी अलवर से बाहर के बालगृह में शिफ्ट कर दिया गया था। ऐसे में दोनों भाई भी बहन से नहीं मिल पा रहे थे और रक्षाबंधन पर बहन भाइयों का इंतजार करती रहती थी।
पत्रिका में खबर प्रकाशित होने पर भारत सरकार के एडिशनल सॉलिस्टर जनरल आरडी रस्तोगी ने इस खबर पर तुरंत प्रंज्ञान लेते हुए स्माइल संस्था की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कामिनी शुक्ला को मैसेज भेजा। कामिनी शुक्ला ने जयपुर बाल कल्याण समिति को यह मामला भेजा। जयपुर बाल कल्याण समिति की सदस्य विनिता शर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया और जयपुर के बालगृहों से बालिका के भाइयों की जानकारी मांगी तो जयपुर के एसओएस बालगृह में दोनों भाई मिल गए।
इस पर बालक बालिकाओं को रक्षाबंधन पर मिलवाना और राखी बांधने का भी कार्यक्रम तय हुआ, लेकिन सरकारी अवकाश के चलते बाल कल्याण समिति अलवर की ओर से बालिका के जयपुर जाने के आदेश नहीं हो पाए थे। शुक्रवार को कार्यालय खुले तो अलवर बाल कल्याण समिति ने इस मामले को प्राथमिकता से लिया और बालिका को भाइयों से मिलने के लिए जयपुर रवाना किया।