सरगना रामावतार अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी नीलामी में भाग लेता और बाजार से ऊंची कीमत में बोली छुड़वाकर कर्मचारियों से सांठगांठ कर लेता था। हेराफेरी के लिए गिरोह एक ही नंबर के 2 ट्रकों का इस्तमाल करते थे। गोदाम से माल लेकर निकले एक ट्रक का वजन नहीं कराते, उसकी जगह उसी नंबर के दूसरे ट्रक में मात्र 6-7 टन का स्क्रैप डालकर वजन कराते थे। इस दौरान सरगना व एईएन भी धर्मकांटे पर पहुंचते थे। वे रजिस्टर में एंट्री कर लेते थे।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था, अब आलीशान बंगला-गाडिय़ां
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ठाठ से रहते थे। सरगना रामावतार एनबीसी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था और 2002 में छंटनी के दौरान निकाला गया था। इसके बाद हेराफेरी का काम करने लगा। उसके पास आलीशान मकान और कई लग्जरी गाडिय़ां हैं। उसके घर दर्जनभर कारें, लग्जरी बाइक, 4 ट्रक, 2 पिकअप भी मिले हैं। माना जा रहा है कि वे दर्जनभर ट्रकों में हीरापुरा गोदाम से माल ले जा चुके हैं।