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जयपुर

बड़े अस्पताल का बड़ा सच

SMS Hospital: Big Truth, ICU, Patient, Sick, Death, प्रदेश के सबसे बड़े Sawai Mansingh Hospital में आईसीयू के हालात बिल्कुल ऐसे हैं जैसे एक अनार और सौ बीमार। यहीं कारण है कि कई मरीज आईसीयू नहीं मिलने के कारण Death के मुंह में चले जाते हैं। Hospital Administration ने Number of ICU बढ़ाने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन मरीजों Patients के बढ़ते दबाव के चलते ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। आइए आपको दिखाते हैं अस्पताल Hospital में आईसीयू के हालात…।

जयपुरAug 12, 2019 / 08:33 pm

Anil Chauchan

जयपुर . प्रदेश ( rajasthan ) के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल ( Sawai Mansingh hospital ) में आईसीयू ( ICU ) के हालात बिल्कुल ऐसे हैं जैसे एक अनार और सौ बीमार ( sick )। यहीं कारण है कि कई मरीज ( patient ) आईसीयू नहीं मिलने के कारण मौत ( death ) के मुंह में चले जाते हैं। अस्पताल प्रशासन ( Hospital Administration ) ने आईसीयू की संख्या ( Number of ICU ) बढ़ाने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन मरीजों ( Patients ) के बढ़ते दबाव के चलते ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। आइए आपको दिखाते हैं अस्पताल ( Hospital ) में आईसीयू के हालात…।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में आईसीयू की कमी
अस्पताल प्रशासन कर रहा है आईसीयू बढ़ाने के प्रयास
आईसीयू नहीं मिलने से हो जाती है मरीजों की मौत
आईसीयू में वीआईपी के लिए भी रिजर्व रखा जाता है बेड
अस्पताल में हर सुपर स्पेशियलिट का अलग आईसीयू है। यहीं नहीं बल्कि जर्नल सर्जरी का आईसीयू भी अलग से बना हुआ है। सवाई मानसिंह अस्पताल में राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर भारत से भी काफी संख्या में मरीज आते हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल का काफी विस्तार किया पर वार्ड में बेड और आईसीयू बेड की समस्या का समाधान नहीं हुआ। अब अस्पताल प्रशासन ने एक बार फिर से आईसीयू की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
अस्पताल में लगातार बढ़ रहा है मरीजों का भार
अस्पताल का हुआ विस्तार पर मरीजों को नहीं मिलती सुविधा
वार्ड और आईसीयू बेड की समस्या का नहीं मिल रहा निदान
अब अस्पताल प्रशासन ने एक बार फिर शुरू की पहल
हाल ही अस्पताल और एसएमएस मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो जल्द नए आईसीयू सहित बैड की संख्या बढ़ सकती है। अस्पताल की पहली मंजिल पूरी आइसीयू के नाम होगी। फिलहाल आईसीयू बढ़ाने के साथ हर आईसीयू को 25 बैड करने की योजना है। वहीं एसएमएस के ट्रोमा में भी नए आईसीयू का कार्य जल्द शुरु होगा। इसके लिए राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन से करीब 13 करोड़ का बजट भी स्वीकृत किया गया है।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में एसएमएस की अपनी एक साख है। जिसके चलते न सिर्फ राजस्थान बल्कि अन्य कई राज्यों के मरीज भी यहां इलाज की आस में आते हैं, लेकिन आईसीयू बेड्स की कमी के कारण या तो मरीजों को निजी अस्पतालों की तरफ रूख करना पड़ता है या आर्थिक स्थिति के चलते निजी अस्पतालों का खर्चा नहीं उठा पाने से मौत का सामना करना पड़ता है। यही हालात कई सालों से अस्पताल में बने है और मरीजों को सफर करना पड़ता हैं। जिस पर अब अस्पताल प्रशासन भी गंभीर है।
अस्पताल और मेडिकल कॉलेज ने आईसीयू क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव भेज तो दिया है, ऐसे में सरकार से कितनी सहमति प्रस्ताव पर बन पाएगी और रोजाना अस्पताल पर बढ़ रहे दबाव के बीच आईसीयू की कमी झेलने वाले मरीजों के लिए ये कवायद क्या वाकई काफी होगी। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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