रोजाना होते हैं 25 से 30 ऑपरेशन
चिकित्सकों ने बताया कि आर्थोपेडिक्स के रूटीन ऑपरेशन धन्वंतरि अस्पताल में हो जाते हैं, लेकिन इमरजेंसी ऑपरेशन ट्रोमा सेंटर में किए जाते हैं। बताया जा रहा है कि इप्लांट की कमी के कारण दोनों जगह ही मरीज प्रभावित हुए हैं।
फिर कैसे मिलेगी राहत…पहले से ही झेल रहे लंबी वेटिंग का दर्द
रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के चलते सवाई मानसिंह अस्पताल में सात दिन तक रूटीन ऑपरेशन बुरी तरह से प्रभावित हुए। रेजिडेंट्स के नहीं होने से केवल इमरजेंसी ऑपरेशन ही हुए। इसकी वजह से अब रूटीन ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को भी लंबी वेटिंग में जूझना पड़ रहा है, क्योंकि रोजाना 200 से 300 ऑपरेशन टाले गए थे।
सीटी स्कैन मशीन खराब, परेशान हुए गंभीर रोगी
सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में लगी सीटी स्कैन मशीन मंगलवार को खराब हो गई। इसकी वजह से मरीजों को बांगड़ यूनिट व इमरजेंसी बिल्डिंग में सीटी स्कैन करवाने के लिए जाना पड़ा। इस दौरान गंभीर मरीजों को ज्यादा दिक्कत हुई। जानकारी के अनुसार सुबह करीब दस बजे ट्रोमा सेंटर स्थित सीटी स्कैन सेंटर के बाहर मरीजों की कतार लगी हुई थी। इनमें कुछ गंभीर मरीज भी स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इस बीच अचानक स्टाफ ने बताया कि मशीन में तकनीकी गड़बड़ हो गई है। इसकी वजह से कुछ देर जांचें नहीं होंगी, लेकिन देर रात तक मशीन ठीक नहीं हुई। इस वजह से मरीजों को अस्पताल के मुख्य भवन में सीटी स्कैन जांच करवाने के लिए जाना पड़ा। उन्हें जांच के लिए एंबुलेंस से भेजा गया, लेकिन उसके लिए भी काफी इंतजार करना पड़ा। मशीनों का मैनेजमेंट देख रहे इंचार्ज ने बताया कि मशीन का एक पार्ट खराब हो गया है, जिसे बाहर से मंगवाया गया। उसके इंस्टॉल होने के बाद संभवत: बुधवार दोपहर तक मशीन चालू हो जाएगी।
मरीज गंभीर, सोमवार को होना था ऑपरेशन
ट्रोमा सेंटर के वार्ड में भर्ती महवा निवासी मरीज सुनीता के परिजनों ने बताया कि कैला देवी जाते समय ऑटो का एक्सीडेंट हो गया था। इसमें एक परिजन की मौत हो गई थी और आधा दर्जन घायल हो गए थे। गंभीर घायल होने पर सुनीता को ट्रोमा सेंटर रैफर किया गया था। उसके चेहरे और पांव में गहरी चोट लगी है। डॉक्टर ने ऑपरेशन कर पांव में इप्लांट लगाने को कहा था, लेकिन 12 घंटे के बाद भी ऑपरेशन के लिए नहीं बुलाया। आगरा से आए मरीज राजदीप के पिता ने बताया कि बेटे को वाहन ने टक्कर मार दी थी। पांव में फ्रेक्चर है। आगरा से यहां इलाज के लिए लाए हैं। डॉक्टर साहब ने ऑपरेशन के लिए बोला था, लेकिन सुबह से शाम हो गई, अभी तक नहीं बुलाया। कई बार पूछ चुका हूं, पता नहीं होगा या नहीं। गत दिनों इप्लांट के विषय में एक बैठक हुई थी। इसमें नए नियम लगाने पर मंथन हुआ था। इसे लेकर इप्लांट सप्लाई करने वाली फर्म को गफलत हो गई थी और उसने इप्लांट देने से इनकार कर दिया था। जैसे ही पता चला तो बातचीत करने पर तुरंत समाधान हो गया।
- डॉ. आरके जैन, कार्यवाहक अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल