बता दें कि राजस्थान में दो चरणों में मतदान होगा. राज्य में 25 सीटों पर चुनावी मुकाबला होगा। पहले चरण में 12 लोकसभा सीटों पर तो वहीं दूसरे चरण में 13 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को तो वहीं दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी। पूरे देशभर में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक कुल 7 चरणों में होंगे। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि पहले चरण के चुनाव से 48 घंटे पहले यानी आज शाम 6 बजे से चुनाव प्रचार का रथ थम जाएगा। इस अवधि के दौरान अंतरराज्यीय सीमाएं सील रहेंगी। साथ ही शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के साथ सूखा दिवस रहेगा। वहीं, एग्जिट पोल पर लोकसभा चुनाव के 7 वें चरण के मतदान दिवस यानी 1 जून को शाम 6:30 बजे तक प्रतिबंध रहेगा।
प्रदेश में पहले चरण में गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझूनू, सीकर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर लोकसभा क्षेत्रों में 19 अप्रैल को मतदान होगा। मतदान से पहले अंतिम 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार संबंधित गतिविधियां थम जाएगी।
गुप्ता ने बताया कि चुनाव प्रचार प्रसार करने के बाद प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों का प्रकाशन ऑथेंटिकेशन के बाद ही किया जा सकेगा। इस दौरान राजस्थान में ओपिनियन पोल और दूसरे पोल सर्वे के प्रसारण पर भी प्रतिबंध रहेगा। साथ ही एग्जिट पोल के परिणामों को प्रसारित करना या फिर दूसरे किसी तरीके से प्रचारित करने पर भी पूरी तरह रोक रहेगी। एग्जिट पोल पर ये प्रतिबंध लोकसभा चुनाव के 7 वें चरण के मतदान दिवस 1 जून को शाम 6:30 बजे तक जारी रहेगा। वहीं इन 48 घंटों के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किए गए है।
ये हैं दिशा-निर्देश… निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस नहीं बुलाया जा सकेगा और न ही उसमें प्रत्याशी शामिल होंगे। पहले चरण के चुनाव से संबंधित वीडियो टेलीविजन या अन्य किसी साधन से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेगा।
किसी भी तरह के मनोरंजन के जरिए जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा। कोई व्यक्ति यदि इन प्रोविजन का उल्लंघन करता है, तो दो वर्ष तक जेल, जुर्माना या दोनों सजा होग।
कोई भी राजनीतिक व्यक्ति उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता, अभ्यर्थी, सांसद या विधायक नहीं है तो चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद उस निर्वाचन क्षेत्र में नहीं ठहर सकता है। कैंडिडेट के अलावा राज्य की सिक्योरिटी कवर प्राप्त राजनीतिक व्यक्ति यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है तो वो वोट कास्ट करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा।
इलेक्शन मशीनरी और पुलिस प्रशासन सामुदायिक केंद्र, धर्मशाला, गेस्ट हाऊस, लॉज, होटल आदि में ठहरे हुए बाहरी व्यक्तियों की जानकारी और सत्यापन होगा और बाहर से आने वाले वाहनों पर भी निगरानी रहेगी।