
SMS software changed after 13 years to end the queue of patients
मरीजों की कतार खत्म करने के लिए 13 साल बाद प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल का सॉफ्टवेयर बदला गया। लेकिन सॉफ्टवेयर बदलने के बाद भी मरीजों की परेशानी खत्म नहीं हुई।
बार-बार सर्वर डाउन होने और धीमी प्रोसेस कर रहे आरोग्य की जगह अब SMS में IHMS सॉफ्टवेयर पर काम शुरू हो चुका हैं। लेकिन गुरुवार को इस सॉफ्टवेयर का भी सर्वर डाउन होने से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह ओपीडी के समय में ही रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर,बिल और जांच काउंटर पर नए सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी आ गई। जिस कारण से कतार में लग रहे मरीजों का इंतजार बढ़ गया।
काउंटर पर बैठे कम्पयूटर ऑपरेटर से देरी का कारण पूछा गया और मरीजों में हलचल बढ़ी तो सभी को काम में देरी का कारण सर्वर डाउन बताया गया। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद नए सॉफ्टवेयर पर काम शुरू हुआ, तो मरीजों को राहत मिली और उनका रजिस्ट्रेशन हुआ।
एसएमएस अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस बार काम में देरी नेटवर्क में परेशानी आने की वजह से आ रही थी।नेटवर्क सिस्टम में कोई तकनीकी खामी आने के कारण कम्पयूटर पर ऑपरेटर लॉगिन नहीं कर पा रहे थे। जैसे ही वह अपनी आइडी से लॉगिन करते वैसे ही सिस्टम लॉग आउट हो रहा था।
कर्मचारी और आइटी विभाग से जुड़े एक्सपर्ट ने करीब 3 घंटे तक मशक्कत की, तो पता लगा कि नेटवर्क में परेशानी हैंं। जैसे ही नेटवर्क की परेशानी दूर हुई फिर से काम शुरू हो गया।
अधिकारियों का यह भी कहना है कि आइएचएमएस सॉफ्टवेयर अभी नया है। काम करने में अभ्यस्त् होने में थोड़ा समय लगेगा। इस साल के अंत तक अभी परेशानियां आती रहेगी। लेकिन जनवरी 2023 तक सभी तरह की समस्याओं का निस्तारण कर लिया जाएगा और मरीजों और कर्मचारियों का काम करनेे में कोई परेशानी नहीं आएगी।
बार-बार सर्वर डाउन होने की समस्या खत्म करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने आइएचएमएस को अपनाया। लेकिन यह सॉफ्टवेयर सिरदर्द खत्म नहीं कर पाया। खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा हैं।
अस्पताल के धन्वन्तरि ओपीडी में पंजीकरण कराने वालों की लंबी कतार लगने से खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं टेस्ट सैंपल कलेक्शन सेंटर, ब्लड बैंक, जांच रिपोर्ट लेने वाले मरीजों को भी इंतजार करना पड़ रहा है। सिस्टम नया होने से कम्पयूटर पर बैठा ऑपरेटर माथापच्ची कर रहा है। क्योकि वह आइएचएमएस पर काम करने में अभ्यस्त् नहीं हैं। जो जांच रिपोर्ट ऑनलाइन मिल जाती है।
उसे लेेने के लिए मरीज व उनके परिजन अस्पताल में चक्कर लगा रहे हैं। क्योकि नए सिस्टम पर मरीजों की रिपोर्ट अपडेट नहीं होने से वह अस्पताल के काउंटर्स पर पहुंच रहे हैं। लैब में बिलिंग काउंटर में नए सिस्टम के शुरू करने से प्रोसेस थोड़ा बढ़ गया है।हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि सिस्टम पूरी तरह से शुरू होने और कर्मचारियों की इस पर काम करने की प्रेक्टिस होने के बाद सभी समस्याएं दूर हो सकेगी।
अभी जिस कर्मचारी की जो जिम्मेदारी तय हुई है वह आइएचएमएस पर काम करने से बच रहे हैं। जब सभी काम शुरू कर देंगे तो सभी समस्याएं दूर हो जाएगी और मरीजों व कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
Published on:
18 Nov 2022 10:39 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
