राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने कहा कि स्कूलों की परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार 28 अक्टूबर से पहले अंतरिम फीस को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे। इस फीस को निजी स्कूल वसूल सकेंगे लेकिन यह फीस अपील सुनवाई के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने कहा कि फीस तय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। जिसका निजी स्कूलों की ओर से विरोध करते हुए संस्थान चलाने में आ रही परेशानी का हवाला दिया गया। जिस कोर्ट ने राज्य सरकार को 28 अक्टूबर से पहले अंतरिम फीस निर्धारित करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने के आदेश दिए। इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार 2 नवंबर से पहले शपथ पत्र दाखिल करे जिसमें बताए कि स्कूल कितनी फीस और किस तरह से ले सकते हैं। इस शपथ पत्र की प्रति सभी संबंधित पक्षकारों को देनी होगी। गौरतलब है कि एकलपीठ ने 7 सितंबर को ट्यूशन फीस का 70 फीसदी वसूलने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ अभिभावक और राज्य सरकार ने अपील दाखिल की है। अब राज्य सरकार ने निजी स्कूलों की सत्र 2020-21 की फीस निर्धारित करने के संबंध में एक कमेटी बनाई है जो सरकार को रिपोर्ट देगी। जिसके आधार पर सरकार कोर्ट को बताएगी कि कितनी फीस किस तरह से ली जा सकती है।