रिक्त पड़े व्याख्याताओं के पद
छात्रों ने कहा कि दो दिन पहले जयपुर आए प्रधानमंत्री ने भी युवा पीढ़ी के लिए कोई घोषणा नहीं की, जिसके कारण युवा निराश हैं। इसी वजह से उन्हें विरोध प्रदर्शन का रास्ता चुनना पड़ा। इसके अलावा छात्रों ने बताया कि पिछले दो सालों से कॉलेज विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अटकी हुई है। एक ओर जहां नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है वहीं कॉलेज में व्याख्याताओं के पद रिक्त पड़े हैं। इससे बुरा हाल और क्या हो सकता है कि विधि कॉलेज में तो प्राचार्य तक नहीं है।
छात्रों ने कहा कि दो दिन पहले जयपुर आए प्रधानमंत्री ने भी युवा पीढ़ी के लिए कोई घोषणा नहीं की, जिसके कारण युवा निराश हैं। इसी वजह से उन्हें विरोध प्रदर्शन का रास्ता चुनना पड़ा। इसके अलावा छात्रों ने बताया कि पिछले दो सालों से कॉलेज विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अटकी हुई है। एक ओर जहां नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है वहीं कॉलेज में व्याख्याताओं के पद रिक्त पड़े हैं। इससे बुरा हाल और क्या हो सकता है कि विधि कॉलेज में तो प्राचार्य तक नहीं है।
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खबरों के मुताबिक छात्रों कि मुख्य मांगें पिछले दो साल से अटकी हुई हैं। छात्रों की मांग है कि कॉलेज विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति जल्द दिलाई जाए। कॉलेज में व्याख्याताओं के रिक्त पद भरने, विधि कॉलेज के प्राचार्य की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने, सभी वर्गों में प्रथम वर्ष की सीटें बढ़ाने, 45 वर्ष से कम आयु की महिला व्याख्याता कि नियुक्ति की जाए, जिससे एनसीसी महिला वापस आ सके। साथ ही इसी तरह की अन्य मांगों लेकर छात्रों ने प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा है।
खबरों के मुताबिक छात्रों कि मुख्य मांगें पिछले दो साल से अटकी हुई हैं। छात्रों की मांग है कि कॉलेज विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति जल्द दिलाई जाए। कॉलेज में व्याख्याताओं के रिक्त पद भरने, विधि कॉलेज के प्राचार्य की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने, सभी वर्गों में प्रथम वर्ष की सीटें बढ़ाने, 45 वर्ष से कम आयु की महिला व्याख्याता कि नियुक्ति की जाए, जिससे एनसीसी महिला वापस आ सके। साथ ही इसी तरह की अन्य मांगों लेकर छात्रों ने प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा है।