शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार से राफेल लड़ाकू विमान सौदे को अंतिम रूप देने संबंधी निर्णय प्रकिया की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंन्द्र सरकार को इस सौदे को अंतिम रूप देेने वाली निर्णय प्रकिया का पूरा ब्योरा एक सीलबंद कवर में देने को कहा है।
खंडपीठ ने कहा कि वह इस समय केन्द्र सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं कर रही है। इस याचिका में फ्रांस की कंपनी दसाल्ट द्वारा रिलायंस को दिए गए ठेके की जानकारी भी मांगी गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अब सुनवाई 29 अक्टूबर को करेगा।
गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस भारी अनियमितताओं का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार 1670 करोड़ रुपये प्रति राफेल की दर से इन विमानों को खरीद रही है, जबकि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में इनकी कीमत 526 करोड़ रुपये प्रति विमान निर्धारित की गई थी।
युवाओं को जोड़ने पर रहा जोर
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे के दूसरे और आखिरी दिन राजधानी जयपुर में रहे। यहां क्लार्क्स आमेर होटल में उन्होंने यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक ली। बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई। साथ ही बैठक में पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा की चुनाव में जीत का मंत्र भी राहुल गांधी ने दिया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे के दूसरे और आखिरी दिन राजधानी जयपुर में रहे। यहां क्लार्क्स आमेर होटल में उन्होंने यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक ली। बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई। साथ ही बैठक में पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा की चुनाव में जीत का मंत्र भी राहुल गांधी ने दिया।
बैठक में राहुल गांधी ने कार्यसमिति को चुनावी भूमिका के साथ साथ ज्यादा से ज्यादा यूथ को साथ जोड़ने पर जोर दिया। इस दौरान अशोक गहलोत, अविनाश पांडे और सचिन पायलट भी साथ मौजूद रहे। होटल क्लार्क आमेर के बाहर टिकिटार्थियों का जमावड़ा भी लगा रहा। हाथ में बायोडाटा लिए कार्यकर्ता खड़े रहे। टिकटार्थी राहुल गांधी को बायोडेटा थमाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें वहां रुकने ही नहीं दिया।