पुलिस के अनुसार हादसा रात करीब दो बजे हुआ। निर्माण कार्यों में जुटे मजदूर रात में सड़क किनारे सो रहे थे। अचानक बेकाबू होकर आए डंपर ने श्रमिकों को रौंद दिया। हालांकि इसे लेकर बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर सुबह साढ़े आठ बजे तक कोई अधिकृत सूचना नहीं आई, लेकिन मृतकों के गांवों से उनका फीडबैक मिला। मृतक कुशलगढ़ के भगतपुरा, खेरदा, सुनारिया व दौलपुरा के बताए जा रहे हैं। इनमें 6 लोग एक ही परिवार के हैं।
ओवरटेक के चक्कर में हादसा
जानकारी के अनुसार तेज रफ्तार से जा रहे ट्रक चालक ने ओवरटेक करने की कोशिश में गन्ने से लदे ट्रैक्टर को टक्कर मार दी। टक्कर के कारण ट्रक चालक ने स्टियरिंग पर से अपना नियंत्रण खो दिया और यह फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों पर पलट गया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना में एक छह महीने की बच्ची को बचाया गया है लेकिन उसके माता-पिता की मौत हो गई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपए की सहायता
घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने लिखा, सूरत में एक ट्रक दुर्घटना के कारण लोगों की मौत होने से दुखी हूं। मेरी सांत्वना शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। प्रार्थना है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हों। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
बड़ी संख्या में होता है पलायन
गौरतलब है कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिले से बड़ी संख्या में श्रमिक गुजरात रोजगार के लिए हर वर्ष पलायन करते हैं। बांसवाड़ा के कुशलगढ़, आनंदपुरी, सज्जनगढ़, गांगड़तलाई आदि क्षेत्रों के हजारों श्रमिक गुजरात के विभिन्न शहरों में निर्माण सहित अन्य कार्यों को लेकर परिवार सहित पलायन करते हैं।