यहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
पंडित सुरेश शास्त्री के अनुसार शनिवार को पडऩे वाला यह ग्रहण भारत में अददृश्य रहेगा। यह ग्रहण मध्य-पूर्वी चीन, जापान, उत्तरी-दक्षिणी कोरिया, उत्तर-पूर्वी रूस, मध्य-पूर्वी मंगोलिया, प्रशांत महासागर, अलास्का के पश्चिमी तटों पर दिखाई देगा। यह ग्रहण सुबह 4.04 बजे से 9.18 के बीच लगेगा।
पंडित सुरेश शास्त्री के अनुसार शनिवार को पडऩे वाला यह ग्रहण भारत में अददृश्य रहेगा। यह ग्रहण मध्य-पूर्वी चीन, जापान, उत्तरी-दक्षिणी कोरिया, उत्तर-पूर्वी रूस, मध्य-पूर्वी मंगोलिया, प्रशांत महासागर, अलास्का के पश्चिमी तटों पर दिखाई देगा। यह ग्रहण सुबह 4.04 बजे से 9.18 के बीच लगेगा।
शनिश्चरी अमावस्या भी कल, शनि मंदिरों में होगा तेलाभिषेक
कल शनिश्चरी अमावस्या भी दान-पुण्य के साथ मनाई जाएगी। सुबह स्नान के बाद दिनभर दान—पुण्य का दौर चलेगा। शनि मंदिरों में तेलाभिषेक होगा और शाम को फूल बंगले की झांकियां सजाई जाएगी। जगतपुरा के सिद्धार्थ नगर स्थित ओटीएस शनि साईं मंदिर, जनता स्टोर स्थित शनि मंदिर, एसएमएस स्थित शनि मंदिर, सिंधी कैंप स्थित शनि मंदिर सहित शहर के शनि मंदिरों में पूरे दिन तेलाभिषेक के आयोजन होंगे। शाम को शनि देव को फूल बंगले में बिराजित कर पौष बड़ा की प्रसादी जीमाई जाएगी। इस बार धनु राशि में सूर्य होने के कारण शनिश्चरी अमावस्या का दान—पुण्य के लिए महत्व और बढ़ गया है। शनिश्चरी अमावस्या धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी की आराधना, पितृ दोष शांति व शनि को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ दिन रहेगा।
कल शनिश्चरी अमावस्या भी दान-पुण्य के साथ मनाई जाएगी। सुबह स्नान के बाद दिनभर दान—पुण्य का दौर चलेगा। शनि मंदिरों में तेलाभिषेक होगा और शाम को फूल बंगले की झांकियां सजाई जाएगी। जगतपुरा के सिद्धार्थ नगर स्थित ओटीएस शनि साईं मंदिर, जनता स्टोर स्थित शनि मंदिर, एसएमएस स्थित शनि मंदिर, सिंधी कैंप स्थित शनि मंदिर सहित शहर के शनि मंदिरों में पूरे दिन तेलाभिषेक के आयोजन होंगे। शाम को शनि देव को फूल बंगले में बिराजित कर पौष बड़ा की प्रसादी जीमाई जाएगी। इस बार धनु राशि में सूर्य होने के कारण शनिश्चरी अमावस्या का दान—पुण्य के लिए महत्व और बढ़ गया है। शनिश्चरी अमावस्या धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी की आराधना, पितृ दोष शांति व शनि को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ दिन रहेगा।