आरोपी देवेश वर्मा ने पुलिस को ताया कि उसके पिता ने काफी प्रोपर्टी बना रखी हैं। पिता बद्री नारायण का वर्ष 2003 में देहांत होने के बाद उसने चौमू अनाज मंडी में काम संभाल लिया। बड़ा भाई मुकेश एमबीबीएस करने लग गया। उसके बाद दुकान की कमाई से ही अशोक बिहार में 455 वर्गगज का एक प्लॉट, विद्याधर नगर में 180 वर्गगज की प्लॉट, विद्याधर नगर में एक फ्लैट, मगध नगर में 622 वर्ग गज का प्लॉट जयपुर रोड पर भाई ने शर्मा डायग्नोस्टिक खोल रखा हैं। यह प्रोपर्टी उसने अपनी मेहनत की कमाई से खरीदी थी।
वर्ष 2015-16 में घाटा लगने के बाद भाई से प्रोपर्टी का बंटवारा करने के लिए कहा तो वह माना नहीं। कुछ लोगों की मध्यस्थता के बाद बंटवारा हुआ। वर्ष 2019 में उसकी शादी हो गई। पत्नी घर में आई तो झगड़े शुरु हो गए। पत्नी के साथ वह जयपुर बालाजी टावर में शिफ्ट हो गया। उसके बाद उसने मां और भाई को बंटवारे के लिए कहा तो वह माने नहीं। इस पर उसने अपने यहां काम करने वाले केशव को पूरी बात बताई। तो उसने कहा जब तक मम्मी जिंदा है तब तक बंटवारा नहीं होगा। केशव ने कहा अगर वह उसका साथ दे तो वह उसकी मां की हत्या कर देगा। बंटवारे में करोड़ो रुपए मिलने के बाद वह केशव को भी पैसे दे देगा। 28 जुलाई को उसने केशव सिंह को साथ लिया और मां के सोने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसे जयपुर जाने वाली बस में बिठा दिया और वह अपने फ्लैट पर पहुंच गया। 29 जुलाई को भाई मुकेश ने फोन करके बताया कि मां की मौत हो गई है और सामान बिखरा हुआ हैं। पुलिस ने पड़ताल करने के बाद आरोपी बेटे देवेश को गिरफ्तार करने के बाद साथी केशव को भी गिरफ्तार कर लिया।