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जयपुर

पत्रिका की खबर फिर बनी सरकार और प्रशासन के लिए नजीर

राज्य बाल आयोग ने लिया प्रसंज्ञान: राजस्थान पत्रिका ने लगातार किए दरिंदे की शिकार बच्ची की हालत का खुलासा, इसके बाद आयोग ने दिए विभागों को सख्त निर्देश, पुलिस की मौजूदा अनुसंधान प्रक्रिया को माना अप्रासंगिक

जयपुरDec 07, 2019 / 05:42 pm

Abrar Ahmad

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जयपुर. राजस्थान पत्रिका की खबरों ने सरकार और प्रशासन को फिर आइना दिखाया है। दरिंदे को सब फांसी देने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पत्रिका ने दरिंदे की एक और करतूत का खुलासा कर समाज को हिला दिया। पत्रिका की खबरों पर राज्य बाल संरक्षण आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है। आयोग की ओर से बुलाई गई आपात बैठक में पत्रिका में दो दिन तक लगातार प्रकाशित खबरें बलात्कारी दे गया मासूम को एचआइवी का वायरस और न जाने किस-किस को एड्स का दंश दे गई उसकी दरिंदगी खबर का विशेष जिक्र कर चर्चा की गई। आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि जिस तरह की लापरवाही इस मामले में बरती गई है, उसकी पुनरावृत्ति भविष्य में नहीं हो, इस संबंध में पुलिस, चिकित्सा व शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
आयोग ने मानी हैं ये बातें-

-ऐसे मामलों में पुलिस की मौजूदा अनुसंधान प्रक्रिया अप्रासंगिक प्रतीत होती है।
-इन प्रकरणों में अपराधी और पीडि़त, दोनों की आवश्यक जांचें अनिवार्य तौर पर होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को प्रावधानों में आवश्यक संशोधन करने चाहिए।
-इस संबंध में आयोग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल व पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह को पत्र भेजे गए हैं ।
बच्ची की पढ़ाई निरन्तर जारी रखी जाए
बैठक में आयोग ने बच्ची की पढ़ाई व इलाज पर भी चर्चा की गई। पीडि़त बच्ची की पढ़ाई निरंतर जारी रखने के लिए और अच्छी चिकित्सा सुविधा दिलवाने के लिए भी शिक्षा व चिकित्सा विभाग को पत्र जारी किए गए हैं।
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