धांसू अंग्रेजी बोलकर इन देसी लड़कों ने अमेरिकी सरकार की पॉकेट मार ली, हडकंप मच गया
धांसू अंग्रेजी बोलकर इन देसी लड़कों ने अमेरिकी सरकार की पॉकेट मार ली, हडकंप मच गया
जयपुर
जयपुर मे कॉल सेंटर से विदेशियों को निशाना बनाने वाले गैंग के 24 हाइटेक बदमाशों को जयपुर पुलिस ने जब अरेस्ट किया तो वे अमेरिका, हांगकांग समेत अन्य कई देशों के लोगों के साथ आन लाइन थे और उनको अपने सांचे में ढालने की कोशिश में लगे हुए थे। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि हर दस में से दो और कभी—कभी चार तक विदेशी इस गैंग की ठगी में फंस जाते थे और अपनी विदेशी मुद्रा गवां देते थे। जयपुर पुलिस ने जब मालवीय नगर स्थित इनके कॉल सेंटर पर पहुंची तो इनकी अमेरिकन इंग्लिश सुनकर एक बार तो पुलिस वालों के होश उड़ गए। जांच कर रही चित्रकूट और जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने बताया कि दोनो इलाकों से पकडे गए साइबर ठगों ने एक हजार से भी ज्यादा विदेशियों को ठगा था। इनके पास से मिली विदेशी मुद्रा को बिटकॉयन में बदला और उसके बाद यूज किया। करोड़ों रुपयों की हेर फेर का मामला खुलता दिख रहा है। चित्रकूट के गिरोह का मास्टरमाइंड मंदीप सिंह, जबकि जवाहर सर्किल के सेंटर का मास्टरमाइंड वैभव पारीक है। मार्च में भी 4 कॉल सेंटर से 33 लोग पकड़े गए थे। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गिरोह विदेशियों को ठगी के लिए इसलिए चुनता था क्योंकि कई देशों की सरकार छोटी साइबर ठगी पर मुआवजा देती है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अमेरिकी लाेगाें से वे कुछ सैंकडाें डाॅलर में ही ठगी करते थे ताकि उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं हाे सके। क्याेंकि अमेरिकियाें से ठगी हाेने के बाद जब उनकाे पता चलता था कि ठगी हाे गई ताे वहां की सरकार ठगी के शिकार लाेगाें काे मुआवजा दे देती थी। ऐसे में में ठगी के बाद भी पीड़ित मामला दर्ज नहीं करवाता था। मामला दर्ज नहीं होने पर किसी भी तरह की जांच ही शुरू नहीं होती थी और ठग अपना काम आसानी से कर पाते थे। 24 साइबर ठगों की जो गैंग दबोची गई उनमें से चार इंजीनियर हैं। इनके दिमाग के अनुसार ही काम होता था। बाकि लोग हर महीने की पगार पर थे।
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