एसीबी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से पैसे एेंठने वाला संदीप सिंह जादौन बेरोजगार युवकों से करीब एक करोड़ से अधिक रकम एेंठ चुका है। उसके कारनामे के खुलासे के बाद उसके खिलाफ करीब-करीब शहर के हर इलाके से शिकायतें संबंधित थानों में दर्ज होने लगी हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह हाल ही में पर्वतीय पर्यटन स्थलों का दस दिन का ट्यूर करके लौटा था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के झांसे में आए पीडि़त अब सामने आने लगे हैं। तीन तो एेसे पीडि़त भी बताए जा रहे हैं, जिन्हें आरोपी फर्जी ज्वॉइनिंग लैटर तक दे चुका है। वहीं आमेर, झोटवाड़ा, महेशनगर समेत कई थानों में पीडि़तों ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है।
झोटवाड़ा थाना पुलिस ने नकली सरकारी टिकट और स्टाम्प बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर दो अभियुक्तों को पकड़ा किया है। वे पिछले एक साल से यह धंधा कर रहे थे। उनके कब्जे से बड़ी संख्या में नकली टिकट, और स्टाम्प बरामद किए गए। ये स्टाम्प 13-14 साल पुराने बताए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि राजेश फिरोजाबाद से 500 रुपए का स्टाम्प 100 रुपए में खरीदता था। फिर उसे 200 में पीयूष को बेच देता। उधर पीयूष अपना कमीशन लेकर आगे सरका देता। हालांकि ग्राहक को 500 के स्टाम्प के कमीशन सहित ज्यादा पैसे देने पड़ते। वेंडर्स के मुताबिक 20 फीसदी कमीशन सरकारी खजाने में जाता है जबकि 10 फीसदी कमीशन वे लेते हैं। उदाहरण के लिए 100 रुपए का स्टाम्प ग्राहक को 130, 500 का स्टाम्प 650 में बेचे जा रहे हैं। इसी तरह 50 रुपए के स्टाम्प के ग्राहक से 65 रुपए वसूले जा रहे हैं।
ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि पुलिस मामले में उन वेंडर्स को खोज रही है जिन्होंने नकली स्टाम्प, टिकट लेकर लोगों को आगे बेच दिए। साथ ही जिन सरकारी कामों में उन नकली स्टाम्प या नकली टिकट का उपयोग हुआ है उनकी वैधता क्या रहेगी पर इस पर भी मंथन किया जा रहा है।