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जयपुर

टूरिज्म आय का जरिया तो ‘ओवरटूरिज्म’ परेशानी का सबब, जानिए कैसे

-भारत सहित कई देश ‘ओवरटूरिज्म’ के खतरों से जूझ रहे हैं

जयपुरJun 22, 2019 / 04:22 pm

pushpesh

-भारत सहित कई देश ‘ओवरटूरिज्म’ के खतरों से जूझ रहे हैं

टूरिज्म आय का जरिया तो ‘ओवरटूरिज्म’ परेशानी का सबब, जानिए कैसे

जयपुर.

ये सच है कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की अहम भूमिका होती है, लेकिन जब ये उस देश और शहर की आबादी पर दबाव बनने लगे तो विचारणीय है। वल्र्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म काउंसिल और कॉमर्शियल रियल एस्टेट फर्म (जेएलएल) के मुताबिक 20 शहर ‘ओवरट्यूरिज्म’ के अलर्ट पर हैं, जो आने वाले समय में इस समस्या का सामना कर सकते हैं। ‘डेस्टिनेशन २०३०’ नामक रिपोर्ट दुनिया के ५० पर्यटन गंतव्यों की पड़ताल करती है और इन शहरों को पांच प्रकारों में बांटा गया है। कुछ शहरों में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ के कारण प्रबंधन ही चौपट हो गया और स्थानीय जरूरतों के संसाधन कम होने लगे। जैसे एम्सटर्डम, बार्सिलोना, पेरिस, प्राग, रोम, सैन फ्रांसिस्को, स्टॉकहोम और टोरंटो व वैंकुअर। रिपोर्ट में इन शहरों के पर्यटन विकास और शहरी तैयारियों का जिक्र है तो पर्यटकों के दबाव के चलते स्थानीय लोगों के जीवन में बढऩे वाले तनाव की भी चर्चा की गई है। जेएलएल के विश्व प्रमुख लौरो फेरोनी कहते हैं कि पहले से व्यस्त एम्सटर्डम और मेड्रिड जैसे शहरों को पर्यटन के बारे में विभिन्न दृष्टिकोण से देखना होगा। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि ‘ओवरट्यूरिज्म’ वाले शहरों को नए सैलानियों से थोड़ा मोह कम कर अपने शहर में भीड़ नियंत्रण करना चाहिए और पर्यटकों को ऑफ पीक समय पर आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। ताकि मेहमानों की आवक उनके लिए सिरदर्द न बने।
इन चार श्रेणियों से जानें, कितने शहर पर्यटन का दबाव को झेल रहे हैं

1. उभरते पर्यटन शहर
इस श्रेणी में वो शहर हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं और पर्यटन की गति के साथ पर्यटकों का दबाव भी बढ़ा है। इनमें बैंकाक (थाइलैंड), कैपटाउन (साउथ अफ्रीका), हो ची मिन्ह सिटी (वियतनाम), इस्तांबुल (तुर्की), जकार्ता (इंडोनेशिया), मैक्सिको सिटी (मैक्सिको) और नई दिल्ली शामिल हैं।
2. विकसित शहर
पर्यटन सुविधाओं के अलावा मौजूदा विकास के स्तरों का बेहतर प्रबंधन करने वाले। भविष्य के तनाव का खतरा भी है। इनमें ऑकलैंड, बर्लिन, डब्लिन, लिस्बन, लंदन, लास वेगास, लॉस एंजेलिस, मियामी, न्यूयॉर्क (अमरीका), सोल, मेड्रिड, सेविले (स्पेन), सिडनी प्रमुख हैं।
3. यहां कम दबाव
इस श्रेणी के शहर अपेक्षाकृत पर्यटकों का कम दबाव झेल रहे हैं। ये शहर सैलानियों की संख्या के नियंत्रण पर भी ध्यान दे रहे हैं। इनमें मुंबई, बोगोटा, ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटिना), काहिरा (मिश्र), चेंगदू (चीन), क्वालालंपुर, लीमा (पेरू), मनीला, मास्को (रूस), रियो डी जेनेरियो और रियाद हैं।
4. संतुलित शहर
इस श्रेणी में पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जाता है। साथ ही थका देने वाली यात्रा के बाद पर्यटक और व्यापारियों के लिए औसत से बेहतर कमरों की सुविधा देते हैं। इनमें बीजिंग, शिकागो, हांगकांग, म्यूनिख, ओसाका, शंघाई, सिंगापुर, टोक्यो और वाशिंगटन शामिल हैं।
पर्यटन से जुड़ी जानकारी
104 करोड़ विदेशी पर्यटक पहुंचे थे 2018 में दुनिया में। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट-
04 फीसदी की वृद्धि हो सकती है पूरी दुनिया में इस वर्ष पर्यटकों की संख्या में
104 शहरों को चिह्नित किया गया पिछले साल ओवरट्यूरिज्म वाले
63 देशों के 98 शहरों में ओवरट्यूरिज्म पिछले वर्ष ब्रिटेन की ट्रेवल कंपनी के मुताबिक
भारत चौथा बड़ा पर्यटन उद्योग
अमरीका, चीन और जर्मनी के बाद भारत पर्यटन उद्योग वाला दुनिया का चौथा देश है। वल्र्ड ट्रेवल एंड ट्यूरिज्म काउंसिल के मुताबिक पिछले वर्ष 16.91 लाख करोड़ रुपए हो गई भारत में पर्यटन उद्योग से होने वाली आय, जो कुल जीडीपी का 9.2 फीसदी है। करीब सवा चार करोड़ रोजगार हैं पर्यटन में, कुल रोजगार का 8.1 फीसदी। भारत में मुंबई, दिल्ली के अलावा राजस्थान, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा सैलानी आते हैं।
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