एडिशनल डीसीपी सुमित गुप्ता ने बताया कि आमेर रोड पर परशुरामपुरी में रहने वाले भगवान सहाय महावर ने 23 अगस्त को ब्रह्मपुरी थाने में मामला दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि उसके पिता खेमचंद महावर रामगंज चौपड़ से टैक्सी चलाते हैं। वह 19 अगस्त की शाम करीब 6:30 बजे किसी व्यक्ति द्वारा बुकिंग करवाने पर कार लेकर जयपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। खेमचंद ने अपने बेटे को टैक्सी सवार आरोपियों के मोबाइल नंबर भी दे दिए। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरु कर कर २५ अगस्त की रात अपहरण और लूट की धारा में मामला दर्ज किया। शुक्रवार शाम को मृतक का शव बारां जिले के सारथल में मिला। पुलिस ने हत्यारों की गिरफ्तार के लिए थानाप्रभारी बनवारी लाल मीणा के नेतृत्व में टीम का गठन किया।
एसीपी (रामगंज) सुनील प्रसाद ने बताया कि 22 अगस्त की रात को हत्या करने के बाद लाश को गाड़ी की डिक्की में रख कानोता, सिकन्दरा, भरतपुर, करौली, कोटा होते हुए झालावाड़ जिले में ले गए। दो दिन बाद शव को अकलेरा पुलिया पर जाकर कालीसिंध नदी में फेंक दिया। आरोपी लौटकर टोंक शहर में आकर एक होटल में ठहर गए। मिली जानकारी के अनुसार हत्यारे नेपाल बॉर्डर से नशे का सामान खरीदकर जयपुर पहुंचे। तब स्मैक का एक पैकेट गायब मिला। दोनों बदमाशों ने ड्राइवर खेमचंद को बस्सी स्थित किसी ढाबे पर चलने को कहा। उसने दोबारा जाने से इनकार कर दिया। तब कहासुनी होने पर बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर दी।