ठेकेदार गायब, लापरवाही का मामला दर्ज पुलिस ने बताया कि तीनों मजदूरों को ठेकेदार ने सुरक्षा उपकरणों के बिना ही सीवर लाइन की सफाई के लिए भेज दिया था। घटना के बाद से ठेकेदार गायब है, जिसके खिलाफ लापरवाही के कारण मजदूरों की मौत होने का मामला दर्ज किया गया है।
पार्षद ने मंडी प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार क्षेत्रीय पार्षद किशन अजमेरा आरोप लगाया कि घटना के लिए मंडी प्रशासन जिम्मेदार है। सीवर चैंबर की सफाई के लिए मंडी प्रशासन को नगर निगम के कार्मिकों को बुलाना चाहिए था लेकिन निजी ठेकेदार को बुलाया गया। उसने मास्क, गमबूट सहित अन्य सुरक्षा उपकरणों के बिना ही मजदूरों को सीवर चैंबर में उतार दिया। मंडी के गेट पर ही हाजिरीगाह है। सीवर चैंबर की सफाई के लिए नगर निगम के पास जेटिंग मशीन, उपकरण आदि उपलब्ध हैं। निजी ठेकेदार भी मांगे तो निगम संसाधन उपलब्ध कराता है।
लोगों ने उठाए सवाल – कृषि उपज मंडी प्रशासन ने सीवर चैंबर की सफाई के लिए नगर निगम को सूचना क्यों नहीं दी?
– मंडी प्रशासन ने बिना जांच किए ऐसे ठेकेदार को काम क्यों सौंपा, जिसके पास सुरक्षा उपकरण भी नहीं थे?
परिवार में मचा कोहराम मृतक राजू और सतीश की मौत की सूचना पर किशनबाग स्थित उनके घर पर कोहराम मच गया। वहां खासी भीड़ जमा हो गई। परिजनों को ढाढस बंधा रहे लोगों की खुद की भी रुलाई फूट पड़ी। लोगों ने ठेकेदार के खिलाफ रोष जताया और मुआवजे की मांग भी की।
अत्याधुनिक उपकरण तो दूर, लालटेन का भी उपयोग नहीं – सीवर के गड्ढे में उतरने के दौरान बढ़ता जा रहा मौत का आंकड़ा
– नगर निगम आगे बढ़ा लेकिन अत्याधुनिक उपकरण अब भी नाकाफी
– जहां हादसा, वह नगर निगम व जेडीए परिधि क्षेत्र से बाहर
– 02 मजदूरों की मानसरोवर स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में मौत हो गई थी सीवर के गड्ढे में उतरने के बाद
ये हैं सुरक्षित तरीके, लेकिन पुख्ता इंतजाम नहीं – अत्याधुनिक मशीनों से सीवर लाइन का मलबा बाहर खींचा जा सकता है। ऐसे उपकरणों का आगे का हिस्सा घुमावदार रहता है। परम्परागत तरीके से काम करने पर सुरक्षा उपाय जरूरी हैं।
– मजदूर को मास्क और ऑक्सीजन किट देकर मैनहोल में उतारा जाना चाहिए।
– कमर पर सुरक्षा बैल्ट होनी चाहिए। इसका एक सिरा ऊपर मजदूर के पास रहता है। विपरीत स्थिति में भीतरी मजदूर को तुरन्त बाहर खींचा जा सकता है।
– सीवर लाइन का ढक्कन हटाकर रस्सी से जलती लालटेन उतारी जाती है। नीचे वह बुझ जाए तो गड्ढे में ऑक्सीजन नहीं है। गड्ढे का ढक्कन कुछ घंटे खुला छोडऩे के बाद फिर लालटेन डाली जाती है। इस बार नहीं बुझे तो गड्ढे में ऑक्सीजन पहुंच चुकी है। हालांकि इसके बाद भी मास्क लगाना जरूरी है।
जाम सीवर लाइन के लिए आएंगी 8 मशीनें – 05 जेटिंग मशीनें और 3 सक्शन मशीनें मंगवा रहा है नगर निगम, इसके लिए कार्यादेश दिया जा चुका है।
– अभी 22 जेटिंग मशीनें हैं।