भारत में बिना बिके हाउसिंग इन्वेंट्री का शीर्ष कारण अफोर्डेबिलिटी है। मुख्य समस्या तब शुरू हुई जब उपभोक्ताओं की मांग 1.5 बीएचके और 2 बीएचके घरों की थी, तब डवलपर्स ने 3 बीएचके और 4 बीएचके अपार्टमेंट की पेशकश की। साथ ही, घर खरीदारों को मध्य-श्रेणी के भीतर किफायती आवास की अत्यधिक आवश्यकता थी, जिसने बाजार में एक बेमेल स्थिति को पैदा किया। उदाहरण के तौर पर, घर के मालिकों को भी कानूनी निवारण के लिए लगभग कोई विकल्प नहीं होने के कारण अपनी संपत्ति को हासिल करने में गंभीर देरी का सामना करना पड़ता है। नतीजतन, घर खरीदने से पहले लोग कीमतों में कमी का इंतजार करते है।
अनसोल्ड इन्वेंट्री की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए रियल एस्टेट बाजार त्योहारी सीजन पर बड़ा दांव लगा रहा है। डवलपर लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण हुए अपने अधिकांश नुकसान से उबरने के लिए तैयार हैं। त्योहारों का मौसम आदर्श समय होता है जब मांग में परिवर्तन होता है, ग्रामीण और शहरी भारत में घर खरीदने का फैसला करते है। साथ में कुछ खरीदारी दिवाली को निवेश के लिए सबसे शुभ समय मानते हैं। एनारॉक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, त्योहारी सीजन में 2021 की चौथी तिमाही के दौरान डवलपर्स ने करीब 91,000 यूनिट्स की बिक्री की। संपत्ति अधिग्रहण और डवलपर लागत और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद विशेषज्ञों को 2022 में भी इस गति को जारी रखने की उम्मीद है। अर्बन एक्सिस इंफ्राटेक लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शशांक गुप्ता का कहना है कि रिकवरी करने के लिए, डवलपर्स और वित्तीय संस्थान होमबॉयर्स के लिए आकर्षक छूट और सौदे शुरू कर रहे हैं। इसके साथ ही, लग्जरी और प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट में भी कोविड के बाद भी तेजी देखी जा रही है। कीमतों में वृद्धि और 40 बीपीएस रेपो दर बढ़ने के बावजूद शीर्ष भारतीय शहरों में आवास की बिक्री चरम पर है।