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जयपुर

Real Estate Market: रियल एस्टेट बाजार की गलफांस बनते जा रहे है बिना बिके मकान

रियल एस्टेट बाजार में अनसोल्ड इन्वेंट्री सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। विडंबना यह है कि बड़े पैमाने पर आवास की कमी वाले देश में, बिना बिके आवास की कमी भी समस्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में, रियल एस्टेट क्षेत्र में 30 मिलियन से अधिक आवास इकाइयों की कमी है।

जयपुरOct 21, 2022 / 11:41 am

Narendra Singh Solanki

Real Estate Market: रियल एस्टेट बाजार की गलफांस बनते जा रहे है बिना बिके मकान

Real Estate Market: रियल एस्टेट बाजार की गलफांस बनते जा रहे है बिना बिके मकान

रियल एस्टेट बाजार में अनसोल्ड इन्वेंट्री सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। विडंबना यह है कि बड़े पैमाने पर आवास की कमी वाले देश में, बिना बिके आवास की कमी भी समस्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में, रियल एस्टेट क्षेत्र में 30 मिलियन से अधिक आवास इकाइयों की कमी है। इसके विपरीत, टॉप दस शहरों में बिना बिके हाउसिंग यूनिट्स की संख्या करीब 7 लाख से भी ज्यादा है। कम से कम 30 शहरों में यह संख्या दोगुनी हो जाती है। कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च 2022 तक आठ शहरों में बिना बिकी इन्वेंट्री के स्टॉक में एक फीसदी से 9.01 लाख यूनिट की मामूली वृद्धि हुई। यह बताता है कि भारतीय रियल एस्टेट बाजार में बढ़ती अनसोल्ड इन्वेंट्री संख्या के साथ हर साल नए लॉन्च भी बाजार की समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे है। भारतीय रियल एस्टेट बाजार में बिना बिकी इन्वेंट्री इकाइयों में कई कारक योगदान करते हैं।

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इन्वेंट्री का शीर्ष कारण अफोर्डेबिलिटी
भारत में बिना बिके हाउसिंग इन्वेंट्री का शीर्ष कारण अफोर्डेबिलिटी है। मुख्य समस्या तब शुरू हुई जब उपभोक्ताओं की मांग 1.5 बीएचके और 2 बीएचके घरों की थी, तब डवलपर्स ने 3 बीएचके और 4 बीएचके अपार्टमेंट की पेशकश की। साथ ही, घर खरीदारों को मध्य-श्रेणी के भीतर किफायती आवास की अत्यधिक आवश्यकता थी, जिसने बाजार में एक बेमेल स्थिति को पैदा किया। उदाहरण के तौर पर, घर के मालिकों को भी कानूनी निवारण के लिए लगभग कोई विकल्प नहीं होने के कारण अपनी संपत्ति को हासिल करने में गंभीर देरी का सामना करना पड़ता है। नतीजतन, घर खरीदने से पहले लोग कीमतों में कमी का इंतजार करते है।
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त्योहारी सीजन में घरों की बिक्री को कैसे बढ़ावा देवे
अनसोल्ड इन्वेंट्री की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए रियल एस्टेट बाजार त्योहारी सीजन पर बड़ा दांव लगा रहा है। डवलपर लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण हुए अपने अधिकांश नुकसान से उबरने के लिए तैयार हैं। त्योहारों का मौसम आदर्श समय होता है जब मांग में परिवर्तन होता है, ग्रामीण और शहरी भारत में घर खरीदने का फैसला करते है। साथ में कुछ खरीदारी दिवाली को निवेश के लिए सबसे शुभ समय मानते हैं। एनारॉक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, त्योहारी सीजन में 2021 की चौथी तिमाही के दौरान डवलपर्स ने करीब 91,000 यूनिट्स की बिक्री की। संपत्ति अधिग्रहण और डवलपर लागत और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद विशेषज्ञों को 2022 में भी इस गति को जारी रखने की उम्मीद है। अर्बन एक्सिस इंफ्राटेक लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शशांक गुप्ता का कहना है कि रिकवरी करने के लिए, डवलपर्स और वित्तीय संस्थान होमबॉयर्स के लिए आकर्षक छूट और सौदे शुरू कर रहे हैं। इसके साथ ही, लग्जरी और प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट में भी कोविड के बाद भी तेजी देखी जा रही है। कीमतों में वृद्धि और 40 बीपीएस रेपो दर बढ़ने के बावजूद शीर्ष भारतीय शहरों में आवास की बिक्री चरम पर है।

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