– चिरंजीवी के तहत करीब 1700 बीमारियों की पैकेज दरों से बड़े निजी अस्पताल खुश नहीं
– निजी अस्पतालों का तर्क : इन दरों पर गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध करवाना संभव नहीं
– एक ही दरें लगातार रहने से इलाज की आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल संभव नहीं
-सरकारी अस्पताल जितना भुगतान बीमा कंपनी से ले रहे, उतना ही निजी अस्पतालों को दिया जा रहा, यह निजी क्षेत्र का शोषण
-सरकार ने जनता को गुमराह करते हुए जनता से ही पैसा लेकर सरकारी अस्पतालों की मेडिकल रिलीफ सोसायटियों (आरएमआरएस) का खजाना भरने का रास्ता खोला, जिसे नि:शुल्क इलाज की तरह प्रचारित किया गया
सीएम भजनलाल शर्मा का वादा, राजस्थान में कोई भी योजना नहीं होगी बंद पर बेहतर होगी
पैकेज दरें तर्कसंगत नहीं पांच सितारा सुविधा और गली के छोटे निजी अस्पतालों के लिए भी एक ही तरह की इलाज पैकेज दरें