रूस-चीन से निपटने को यूएस बनाएगा सुपर-डुपर मिसाइल
ट्रंप ने कहा: मौजूदा मिसाइलों से 17 गुना तेज होगी
रूस-चीन से निपटने को यूएस बनाएगा सुपर-डुपर मिसाइल
वाशिंगटन . अमरीका द्वारा 30 साल पुरानी इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (आइएनएफ) संधि से खुद को अलग कर लेने के बाद दुनियाभर में हाइपरसोनिक मिसाइलों को बनाने की होड़ मच गई है।
रूस व चीन जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों की ओर से भविष्य में मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सुपर-डुपर मिसाइल बनाने का ऐलान किया। ट्रंप ने कहा कि यह मिसाइल हमारे पास मौजूदा मिसाइलों से 17 गुना तेज होगी। आपने सुना है कि रूस के पास ध्वनि की गति से पांच गुना तेज मिसाइल है। चीन भी पांच या छह गुना तेज मिसाइल पर काम कर रहा है। ऐसे में हम अपनी मिसाइल ताकत बढ़ाने पर मेहनत कर रहे हैं।
ओवल ऑफिस में हुए समारोह में ट्रंप ने अमरीकी सशस्त्र बल की छठी विंग स्पेस फोर्स का झंडा पेश किया। अंतरिक्ष में दबदबा बनाने खासकर रूस व चीन से पैदा होने वाले खतरों को देखते हुए 2019 में अंतरिक्ष सेना का गठन किया गया था। वर्तमान में इसमें 16 हजार कर्मचारी हैं।
सात दशक में पहला सैन्य झंडा
गहरे नीले रंग के इस झंडे में तीन बड़े स्टार हैं और स्पेस फोर्स का सिग्नेचर डेल्टा लोगो इसके केंद्र में है। इसमें यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस फोर्स लिखा है और इसके नीचे रोमन में 2019 अंकित है। 72 साल में यह पहला नया सैन्य ध्वज झंडा है। यह ओवल ऑफिस में अन्य झंडों के साथ ही रहेगा।
मिसाइल को पकड़ नहीं पाते रडार
करीब 6,170 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से लक्ष्य को भेदने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल, क्रूज व बैलिस्टिक मिसाइल दोनों के फीचर्स से लैस होती है। लॉन्च होने के बाद यह पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाती है और इसके बाद टारगेट को भेदती है। तेज रफ्तार की वजह से रडार इन्हें पकड़ नहीं पाते।
जानें रूस की ताकत
आइएनएफ संधि से अमरीका के अलग होने व 500 किमी से अधिक रेंज वाली क्रूज मिसाइल के परीक्षण से रूस खफा हो गया था। जवाब में उसने 2019 में ध्वनि की गति से तेज एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल को सेना में लिया था।