राजे ने हाल ही में कोरोना संक्रमित पाई गई भाजपा महिला मोर्चा नेत्री आंचल अवाना के ‘पॉजिटिव’ आने के बाद स्वयं व स्टाफ कार्मिकों की स्वास्थ्य जांच करवाई थी। इस दौरान उन्होंने सेल्फ आइसोलेशन में जाते हुए मुलाकातें करनी बंद कर दी थीं। इसके बाद सामने आई जांच रिपोर्ट में राजे समेत पूरे स्टाफ की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद अब फिर से राजे निवास पर मेल-मुलाकातों का दौर शुरू हो गया।
राजे निवास पर नेताओं और आमजन से मुलाकातों के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का ख़ास ख्याल रखा जा रहा है। राजे फिलहाल कुछ ‘ख़ास’ लोगों से ही मुलाक़ात कर रही हैं। इसमें भी हर आगंतुक को पहले सुरक्षा और फिर स्वास्थ्य जांच से गुज़रना पड़ता है। निवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी आगंतुकों को प्रवेश देने से पहले हर व्यक्ति का टेम्परेचर भी जांच रहे हैं। यही नहीं राजे भी सावधानी के लिए मुंह पर मास्क और मिलने वालों से उचित दूरी बनाकर रख रहीं हैं।
राजे से मिलने वालों में पूर्व सांसद-मंत्री-विधायकों के अलावा संगठन से जुड़े पदाधिकारी व अन्य नेता मुलाकातें कर रहे हैं। शनिवार को मिलने वालों में पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा और पूर्व पर्यटन मंत्री ऊषा पूनिया के नाम चर्चा में रहे।
वसुंधरा राजे कैम्प के माने जाने वाले नेताओं की फहरिस्त में ऐसे कई नेता हैं जो पिछले लम्बे समय तक पार्टी गतिविधियों से गायब रहे हैं। इसका प्रमुख कारण भी राजे की लम्बे वक्त तक पार्टी गतिविधियों से दूरी माना गया। ऐसे नेताओं में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी, युनुस खान, राव राजेन्द्र सिंह, राजपाल सिंह शेखावत, अजयपाल सिंह, अजय सिंह किलक जैसे नेता प्रमुख हैं।
राजे पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ ही पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। प्रदेश भाजपा में उनकी पकड़ और दबदबे से हर कोई वाकिफ है। हालांकि बीच में एक दौर आया जब केंद्रीय संगठन उनके इन तेवरों पर सख्ती दिखाई थी। राजे से अदावत रखने वाले गजेन्द्र सिंह शेखावत को केंद्रीय मंत्री और राजे कार्यकाल के दौरान मंत्री नहीं बनाए गए विधायक ओम बिडला को लोकसभा अध्यक्ष बनाकर मोदी-शाह जोड़ी इस बात के संकेत दे चुकी है कि संगठन ही सर्वोपरि है। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने पार्टी में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुई है।