सूत्र बताते हैं कि शाह की नाराज़गी खासतौर से प्रदेश नेतृत्व की ओर से करीब 92 सीटों पर तय किये गए सिंगल पैनल को लेकर थी। बताते हैं कि शाह ने इन सीटों पर सिंगल पैनल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। गौरतलब है कि जिन सीटों पर सिंगल नाम तय किये गए वे सीएम राजे के करीबी, भरोसेमंद और समर्थक नेताओं में शुमार हैं।
शाह ने सिंगल पैनल लेने से किया इंकार
राजस्थान में भाजपा प्रत्याशियों को लेकर दिल्ली में बुधवार को अंतिम फैसला नहीं हो सका। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ राज्य के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। इसमें प्रदेश संगठन ने शाह को 92 विधानसभा सीटों पर सिंगल पैनल थमा दिया। यानी इन सीटों पर राज्य इकाई ने अपनी तरफ से प्रत्याशी तय करके शाह को बताए। लेकिन, शाह ने सिंगल पैनल पर इनकार कर दिया।
राजस्थान में भाजपा प्रत्याशियों को लेकर दिल्ली में बुधवार को अंतिम फैसला नहीं हो सका। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ राज्य के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। इसमें प्रदेश संगठन ने शाह को 92 विधानसभा सीटों पर सिंगल पैनल थमा दिया। यानी इन सीटों पर राज्य इकाई ने अपनी तरफ से प्रत्याशी तय करके शाह को बताए। लेकिन, शाह ने सिंगल पैनल पर इनकार कर दिया।
संगठन ने करीब 39 सीटों पर दो नाम दिए। शेष सीटों पर 3 से 4 नामों का प्रस्ताव रखा गया है। सूत्रों की माने तो तमाम सर्वेक्षण और रायशुमारी के बाद भी बुधवार को 50 से 60 नामों पर आंशिक सहमति बन पाई।
रात को जावड़ेकर के घर जुटे
शाह के यहां बैठक खत्म होने के बाद राजस्थान के सभी नेता देर रात तक प्रकाश जावड़ेकर के घर फिर जुटे। यहां नए सिरे से उम्मीदवारों के नाम पर मंथन शुरू हुआ। यह मीटिंग देर रात तक चलती रही।
शाह के यहां बैठक खत्म होने के बाद राजस्थान के सभी नेता देर रात तक प्रकाश जावड़ेकर के घर फिर जुटे। यहां नए सिरे से उम्मीदवारों के नाम पर मंथन शुरू हुआ। यह मीटिंग देर रात तक चलती रही।
रवानगी से पहले सीएम की माथुर से चर्चा
इस बीच दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर के घर जाकर मुलाकात की। मुलाकात के बाद ओम माथुर ने कहा कि अभी तक सभी सीटों को लेकर पार्टी में सहमति नहीं बनी है।
इस बीच दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर के घर जाकर मुलाकात की। मुलाकात के बाद ओम माथुर ने कहा कि अभी तक सभी सीटों को लेकर पार्टी में सहमति नहीं बनी है।
… इधर बसपा ने जारी कर दी पहली सूची
भाजपा-कांग्रेस की उम्मीदवार चयन को लेकर चल रही कश्मकश के बीच बहुजन समाज पार्टी ने (बसपा) ने उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी है। पहली सूची में कुल 11 उम्मीदवारों के नाम शामिल किये गए हैं। इनमें भरतपुर की 4, दौसा, करौली और टोंक की 2-2 और सवाईमाधोपुर जिले की एक सीट शामिल है। प्रदेश में बसपा ने उत्तरप्रदेश से सटी राज्य की विधानसभा सीटों पर अपनी राजनीतिक चाल चलना शुरू कर दिया है।
भाजपा-कांग्रेस की उम्मीदवार चयन को लेकर चल रही कश्मकश के बीच बहुजन समाज पार्टी ने (बसपा) ने उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी है। पहली सूची में कुल 11 उम्मीदवारों के नाम शामिल किये गए हैं। इनमें भरतपुर की 4, दौसा, करौली और टोंक की 2-2 और सवाईमाधोपुर जिले की एक सीट शामिल है। प्रदेश में बसपा ने उत्तरप्रदेश से सटी राज्य की विधानसभा सीटों पर अपनी राजनीतिक चाल चलना शुरू कर दिया है।
बसपा की घोषित सूची में दो अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति की आरक्षित सीट पर प्रत्याशी घोषित किए है। इनके अलावा सामान्य सीट करौली और सवाई माधोपुर पर मीना जाति के प्रत्याशी उतारे गए हैं। वहीं नगर सीट पर वाजिब अली को मैदान में उतार कर कांग्रेस के लिए संकट खड़ा कर दिया है। अली ने पिछला चुनाव राजपा से लड़ा था और 36,557 वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे थे। यहां पर बसपा प्रत्याशी सुदेश कुमार ने 18 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे। जबकि कांग्रेस के बृजेन्द्र सूपा महज 4518 वोट हासिल कर सके थे और वह छठे नंबर पर रहे थे। नदबई से जोगेन्द्र सिंह अवाना को उम्मीदवार बनाया है। बसपा की ओर से घनश्याम बाबा पिछले चुनाव में उम्मीदवार थे और उन्होंने करीब 46 हजार वोट हासिल कर दूसरा स्थान बनाया था। उनकी वजह से कांग्रेस के गिरीश चौधरी तीसरे स्थान पर चले गए थे। डीग-कुम्हेर में बसपा पिछले चुनाव में 12 हजार वोट लेकर तीसरे स्थान पर रही थी। इसके अलावा करौली, सपोटरा में बसपा एक बार फिर से अपना वजूद कायम करना चाहती है।