गौरतलब है कि नई अरवड़ में चंबल भीलवाड़ा जल प्रदाय योजना का पम्पिंग स्टेशन होने के बावजूद भी क्षेत्र वासियों को पूरा पानी नसीब नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि 7 से 10 दिन के अन्तराल में पानी की सप्लाई की जा रही है। वो भी बिल्कुल कम यानी न के बराबर हो रही है। जो कि लोगों के लिए ऊंट के मुंह मे जीरे वाली कहावत शिद्द हो रही है। इस भीषण गर्मी में लोग दूर दराज स्थित कुएं से पानी लेकर आ रहे है। अब इस गर्मी के कारण कुएं बावड़ीयो में भी पानी कम पड़ गया है। कई लोग पानी के टैंकर व कैपर मंगवा रहे हैं। साथ ही जगह जगह बनी जानवरों की खेल, (प्याऊ) में भी पानी नहीं आ रहा है। इससे पशुओं को भी पीने का पानी नसीब नहीं होने से दर-दर भटक रहे हैं।
ग्रामीणों की ओर से समय-समय पर प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया गया पर कोई राहत नहीं मिली।ग्रामीण महिलाएं पानी भरने के कई किलोमीटर दूर तक जाती हैं। घंटों धूप में तपती हैं। पानी भर जाने के बाद ही वह घर का चूल्हा-चौका करती हैं। ज्यादा से ज्यादा पानी भरा जा सके इसके लिए बच्चे भी पानी भरने को मजबूर हैं। नई अरवड़, पुरानी अरवड़ सहित क्षेत्र के गांव में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। यहां गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। लगभग हजारों लोगों की आबादी वाले इन गांवों में जलसंकट इतना गहराया हुआ है कि लोग दूरदराज कुएं बावड़ियों से में पानी भर रहे हैं।