जयपुर. देशभर में वजनी बच्चों के रूप में चर्चा में आए सीकर के विकास की रविवार को एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकोंं ने सफलता पूर्वक जटिल सर्जरी की। बचपन से अत्यधिक वजन होने के कारण विकास के घुटनों की कार्टिलेज खराब हो गई थी और पैर अन्दर मुड़ गए थे। इस उम्र में डॉक्टरों के लिए इस तरह की सर्जरी करना किसी चैलेंज से कम नहीं था। इसको लेकर एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से यह दावा भी है कि 21 वर्ष की उम्र में घुटने की ऐसी सर्जरी के सफल केस देश में बहुत कम हैं।
सीकर के मालियों की ढाणी निवासी विकास का वजन 6 साल की उम्र में ही 63 किलो था। सामाजिक सरोकार के तहत बेरियाट्रिक सर्जरी के जरिए विकास का वजन तो कम कर दिया गया, लेकिन तब तक घुटनों की कार्टिलेज खराब हो चुकी थी। ऐसे में बेरियाट्रिक सर्जरी के बावजूद विकास असामान्य जीवन जी रहा था।
6 महीने पहले एसएमएस अस्पताल के ऑर्थोपेडिक डॉ. आर.एल. दायमा के निर्देशन में डॉ. प्रशांत व डॉ. जितेश ने 2 फेज में विकास के पैर का ऑपरेशन किया। घुटनों के कार्टिलेज को उठाकर बॉन ग्राफ्ट डालकर प्लेट लगाई गई। रविवार को सर्जरी की जांच की गई, जिसमें दोनों पैरों के ऑपरेशन सफल पाए गए। इससे विकास और उसके परिवार के सभी लोग बेहद खुश हैं।
2004 में पत्रिका ने प्रकाशित की थी खबर 2004 में राजस्थान पत्रिका ने सीकर के मालियों की ढाणी निवासी आशादेवी के तीनों बच्चों के भारी-भरकर वजन और बीमारी का समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि आशा की 26 महीने की बेटी का वजन 45 किलो, चार साल के बेटे पप्पू का वजन 51 और सबसे बड़े बेटे 6 साल के विकास का वजन 63 किलो है। इस पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर तीनों के इलाज की पहल की थी। इसके बाद तीनों का इलाज शुरू किया गया था।
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