कोरोना काल में संक्रमण से बचाव के लिए शरीर को मूल रूप से स्वस्थ बनाने तथा उसकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेद औषधियों को काफी सफल माना गया था। यहां तक की इस दौर में सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, दवाइयों का इस्तेमाल काफी बढ़ गया था।
जिसका नतीजा है कि वर्तमान समय में बड़ी संख्या में लोगों ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्दती तथा इसके नियमों को अपने जीवन में शामिल किया है।
NIA के डॉ.पुनीत शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद हमारे दैनिक जीवन से ही जुड़ा हिस्सा हैं।जिसमें हमारे खान पान से लेकर दैनिक दिनचर्या में यह शामिल हैं। इन्हीं सब बातों को आमजन को फिर से अवगत करवा सकें और हम पारम्परिक तौर तरीके,रसोई,खानपान पर लौट सकें तो स्वस्थ रहेंगे,इसी उद्देश्य से यह दिवस मनाया जा रहा हैं।