अर्जुनराम मेघवाल के समर्थक थोड़ा निराश
राजस्थान के जोधपुर संसदीय क्षेत्र में अशोक गहलोत के पुत्र वैभव को हराकर लगातार दूसरी बार निर्वाचित गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम मंत्री पद के लिए तय माना रहा था और उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने से भी किसी को आश्चर्य नहीं हुआ, लेकिन अर्जुनराम मेघवाल के उन समर्थकों को थोड़ी निराशा हुई जो उनके प्रमाेशन होने की उम्मीद कर रहे थे।
राजस्थान के जोधपुर संसदीय क्षेत्र में अशोक गहलोत के पुत्र वैभव को हराकर लगातार दूसरी बार निर्वाचित गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम मंत्री पद के लिए तय माना रहा था और उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने से भी किसी को आश्चर्य नहीं हुआ, लेकिन अर्जुनराम मेघवाल के उन समर्थकों को थोड़ी निराशा हुई जो उनके प्रमाेशन होने की उम्मीद कर रहे थे।
कैलाश चौधरी ने सबको चौंकाया बीकानेर संसदीय क्षेत्र से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए अर्जुनराम मेघवाल राजस्थान में पार्टी का दलित चेहरा माने जाते हैं। उन्हें पार्टी मंत्रिमंडल से बाहर रखने का जोखिम नहीं उठा सकती। लिहाजा उन्हें फिर से राज्यमंत्री बनाकर राजस्थान में जातीय समीकरण बिठाया गया है।
उधर, बाड़मेर से पार्टी के पूर्व दिग्गज नेता जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र को हराकर पहली बार सांसद निर्वाचित हुए कैलाश चौधरी को मंत्री पद की शपथ लेते देख हैरानी हुई है। जानकारों के मुताबिक उनका मंत्री बनना जातीय समीकरण बिठाने की कोशश बताई जा रही है। वहीं उनका संघ पृष्ठभूमि का होना भी महत्वपूर्ण कारक बताया जा रहा है।
राजनीति के जानकारों को सर्वाधिक आश्चर्य युवा चेहरे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने से हुआ है। पूर्व ओलम्पियन की ख्याति राजनीति में आने से पहले ही रही है। उनका कार्यकाल भी करीब बेदाग ही रहा है। उन्हें फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल न करने का निर्णय संभवत: पार्टी की विशेष योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
भाजपा की याेजना!
राजनीति के जानकारों की मानें तो पार्टी राठौड़ को संगठन में अहम जिम्मेदारी देना चाहती है, इसी वजह से उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है।
मोदी मंत्रिमंडल में शपथ के दौरान कैलाश चौधरी को एक बात का रहा मलाल! जानें ऐसी क्या थी बात?