गौरतलब है कि पाकिस्तान ने जयपुर के ब्रह्मपुरी निवासी गजानंद सहित कुछ अन्य भारतीयों नागरिकों की भी रिहाई की थी। गजानंद जब 32 साल के थे तब वो अचानक लापता हो गए थे। 36 साल तक पाकिस्तान की लाहौर जेल में रहे गजानंद जब भारत लौटे तब उनकी उम्र 68 साल की हो गई थी। गजानंद जब लौटे थे तब वो बहुत ही कमजोर नज़र आ रहे थे। वो ठीक ढंग से चल भी नहीं पा रहे थे।
लेकिन तब नहीं हुआ था ‘अभिनन्दन’ जैसा स्वागत
जयपुर के गजानंद की 36 साल बाद वतन वापसी पूरी तरह से सादगीपूर्ण रही थी। उनके साथ 29 भारतीय नागरिकों को भी छोड़ा गया था। इनमें 26 मछुआरे थे। लेकिन तब इन सभी का वाघा बॉर्डर पर उस गर्मजोशी और उत्साह के साथ स्वागत नहीं हुआ था जिस तरह से विंग कमांडर अभिनन्दन का हो रहा है।
इमरान खान ने किया अभिनन्दन की रिहाई का ऐलान 27 फरवरी को राजौरी के नौशेरा सेक्टर में डॉगफाइट के बाद विंग कमांडर पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में चला गया था, जहां पाकिस्तान सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर ऐसा दबाव बनाया कि खुद इमरान खान को अभिनंदन की रिहाई का ऐलान करना पड़ा।
भारत ने दी थी चेतावनी जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को साफ कर दिया था कि बगैर किसी चोट के पायलट की जल्द रिहाई होनी चाहिए। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर सौदेबाजी से भी इनकार कर दिया था। इसके लिए भारत कांसुलर एक्सेस की मांग नहीं कर रहा बल्कि फौरन रिहाई की मांग कर रहा है। पाकिस्तान को चेतावनी भरे लहजे भारत ने कहा था कि अगर पायलट को कुछ हुआ, तो वो एक्शन के लिए तैयार रहे।