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जयपुर

लोहे का कलेजा चाहिए… फौजियों का करवाचौथ देखने के लिए, आंसू नहीं रोक पाओगे

You cant stop your Tears..देश के सात सुरक्षा बल शामिल होते हैं। इनमें असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल शामिल है। इनके लाखों जवानों में महिला सिपाहीयों की संख्या भी अच्छी खासी हैं। इनमें से 90 प्रतिशत जवानों का करवाचौथ अक्सर बॉर्डर पर ही मनता है।

जयपुरOct 17, 2019 / 11:05 am

JAYANT SHARMA

rajasthan news

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जयपुर. Karva Chauth 2019 स्पेशल करवाचौथ है आज, कुछ ऐसे संयोग बन रहे हैं जो सत्तर साल में एक बार बनते हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि इन संयोगों में पति और चांद की पूजा साक्षात करने पर पति की लंबी उम्र में आने वाली सारी बाधाएं हट जाती हैं। लेकिन इस बीच राजस्थान पुलिस और देश सेवा में लगे फौजी महिलाओं की उन हजारों महिलाओं के लिए परेशानी है जो पति और परिवार से कई सौ किलोमीटर दूर हैं और यहां तक कि अधिकतर को तो छुट्टी भी नहीं मिली है। ऐसे में उनका करवाचौथ एक त्योंहार नहीं होकर चैलेंज बन गया है।

देश की सीमाओं पर सात सुरक्षा एजेंसियां, उनका करवाचौथ भी बॉर्डर पर ही
राज्यों की पुलिस और राज्यों में काम करने वाली पुलिस की जाचं एजेंसियों के अलावा देश में पुलिसवालों की बड़ी संख्या बॉर्डर पर भी तैनात है। इनमें सबसे बड़ी एजेंसी है (CISF) सीआरपीएफ…। सीआरपीएफ में जवानों की संख्या लाखों में है। सीआरपीएफ गृह मंत्रालय के अधिकार के तहत आती है। इसमे देश के सात सुरक्षा बल शामिल होते हैं। इनमें असम (AR) राइफल्स, (BSF) सीमा सुरक्षा बल, (CRPF) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, (CISF) केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, (NSG) राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, (ITBP) भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल शामिल है। इनके लाखों जवानों में महिला सिपाहीयों की संख्या भी अच्छी खासी हैं। इनमें से 90 प्रतिशत जवानों का करवाचौथ अक्सर बॉर्डर पर ही मनता है।

पंद्रह हजार से ज्यादा महिलाएं, दस हजार परिवार से दूर
राजस्थान पुलिस में वर्तमान में करीब एक लाख से भी ज्यादा पुलिसकर्मी हैं। इनमें आईपीएस अफसरों से लेकर सिपाही तक शामिल हैं। फिर चाहे वे पुलिस लाइन में हों या फिर किसी पुलिस एजेंसी में…। इनमें करीब पंद्रह हजार से ज्यादा महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इन पंद्रह हजार महिला पुलिसकर्मियों में से करीब दस हजार अपने जिले या शहर से दूर हैं और उनको परिवार से मिलने या उनके पास जाने की छुट्टी भी नहीं मिली है। इनमें से भी अधिकतर का ड्यूटी टाइम भी रात आठ से नौ बजे तक का है। ऐसे में उनके सामने करवाचौथ मनाने की परेशानी खड़ी हो गई है।

कुछ घंटे ही सही लेकिन छुट्टी तो मिली, याद रहेगी
उधर राजस्थान के 36 से भी ज्यादा पुलिस जिलों में से सिर्फ दो जिलों की महिला पुलिसकर्मियों को छुट्टी मिली है। हांलाकि छुट्टी आधे दिन की है। बाड़मेर और बांसवाड़ा जिले की महिला पुलिसकर्मियों को एसपी ने तोहफा दिया है आधी छुट्टी का। दोपहर दो बजे बाद वे अपने त्योंहार की तैयारी कर सकती हैं। दोनो जिलों के पुलिस अधीक्षकों बाडमेर से शरद चौधरी और बांसवाड़ा से केसर सिंह, का कहना है कि यह सिर्फ मनोबल बढ़ाने और महिला पुलिसकर्मियों को उनके परिवार की कमी महसून नहीं कराने की एक छोटी सी कोशिश है। महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि अफसरों की यह छोटी सी कोशिश पूरे जीवन याद रहने वाली है। दूसरी तरफ इन दोनो जिलों के अलावा किसी भी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस बारे में नहीं सोचा है।
मोबाइल पर पति को देखने के बारे में ये कहता है ज्योतिष
ज्योतिषाचार्य राजकुमार चतुर्वेदी का कहना है कि ज्योतिष विज्ञान की तरह काम करता है। वस्तु, स्थिति और काल के अनुसार ज्योतिष काम करता है। नए युग के साथ ज्योतिष भी बदल रहा है। जिस तरह से चांद लाखों किलोमीटर दूरी से ही दिखता है और इसी तरह से संतोष करना होता है। उसी तरह से आजकल कामकाजी लोग वीडियो कॉल पर ही करवाचौथ मनाते हैं। विदेशों में तो यह चलना सालों से हैं, लेकिन देश में भी अब धीरे—धीरे बढ़ रहा है। हांलाकि धर्म के अनुसार पति को सामने पाकर उनके चरण छूकर व्रत खोलने की ही परपंरा रही है।
जेलों में भी विशेष इंतजाम
उधर जोधपुर और जयपुर में स्थित महिला जेल मे भी करवाचौथ पर विशेष इंतजाम किए गए हैं। रिवाज के अनुसार महिला बंदियों को सवेरे सरगी दी गई है और रात तक उनके पूजा पाठ का बंदोबस्त भी किया गया है। रात के समय चांद दिखाने का भी पूरा बंदोबस्त किया गया है और पति से फोन पर बात कराने की भी तैयारी की गई है।
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