फल की चिंता किए बगैर कर्म करें
– आसरी मठ में भागवत कथा का आयोजन
फल की चिंता किए बगैर कर्म करें
जैसलमेर। कथावाचक संत गोरधनदास महाराज ने कहा कि फल की चिंता किए बगैर कर्म करना चाहिए क्योंकि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने यही बात कही है। ऐसा करने पर फल हमेशा अच्छा मिलेगा। आसरी मठ के मठाधीश शिवसुखनाथ महाराज की स्मृति में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक ने कहा कि शिवसुखनाथ महाराज ने बिना परिणाम की चिंता किए जीर्ण-शीर्ण आसरी मठ का जीर्णोद्धार करवाया। उन्होंने कहा कि जैसलमेर भगवान श्रीकृष्ण के वंशजों की राजधानी है इसलिए यहां की विचारधारा भी श्रेष्ठ ही है।
समाधि पूजन किया
दूसरी तरफ शिवसुखना महाराज की समाधि का पूजन करने के लिए प्रदेश भर से लोग पहुंच रहे हैं। मठ याला के मठाधीश गोरखनाथ महाराज ने समाधि पर पुष्प अर्पित किए। इसी तरह से सीमाजन कल्याण समिति राजस्थान-गुजरात के संगठन मंत्री नी बसिंह और संघ के जिला प्रचारक नारायण ने भी समाधि पूजन किया। वैशाखी मठ के मठाधीश कमल भारती ने योगिनी धनियानाथ के साथ आगामी 14 से 16 दिस बर तक आयोजित होने वाले भंडारे के संबंध में विचार विमर्श किया।
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