5 वर्ष बाद महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल होगी आरएसी के ‘कब्जे से मुक्त’
-पत्रिका की महिम के बाद हरकत में आए जिम्मेदार, आधी स्कूल में काबिज थे आरएसी के जवान-प्रशासन ने आरएसी जवानों के लिए रेन बसेरे में आवास का किया इंतजाम
5 वर्ष बाद महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल होगी आरएसी के ‘कब्जे से मुक्त’
जैसलमेर. शहर के इंदिरा गांधी नहर परियोजना कॉलोनी स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधे भवन पर पिछले पांच साल से चला आ रहे आरएसी का ‘कब्जा’ अब खत्म हो जाएगा। राजस्थान पत्रिका की ओर से प्रमुखता से मुद्दा उठाने के बाद यह स्थिति बनी है। जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह ने विद्यालय के कमरों में निवास करने वाले जवानों के लिए जैसलमेर के रेलवे स्टेशन के सामने स्थित पुराने रैन बसेरों का अस्थायी रूप से उपयोग करने का बंदोबस्त किया है। ऐसे में विद्यालय भवन पर पांच साल से आरएसी बटालियन के करीब 30 जवानों को अब स्कूल खाली कर रैन बसेरे में जाना होगा। गौरतलब है कि इस संबंध में राजस्थान पत्रिका ने दिनांक 10 मार्च, 2022 को ‘15 कक्षाओं के लिए 10 कमरे, आधी स्कूल पर 5 साल से आरएसी काबिज’ शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझा। आरएसी के पास आधा विद्यालय भवन होने से यहां पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को बेजा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। विद्यालय प्रबंधन को भी मजबूरी में एक कक्षा कक्ष में कई कक्षाओं का संचालन एक साथ करना पड़ता था। गौरतलब है कि जैसलमेर के सिविल एयरपोर्ट पर सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही प्रथम आरएसी की बटालियन को जिला कलक्टर के निर्देशानुसार नगरपरिषद द्वारा रेलवे स्टेशन के सामने पुराने रैन बसेरों को अस्थाई आवास सुविधा के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। कलक्टर आयुक्त को निर्देश दिए कि वे पुराने रैन बसेरे का रंग-रोगन व मरम्मत करवाकर तथा बिजली-पानी की व्यवस्था करवाकर आरएसी बटालियन को आवास सुविधा के लिए शीघ्र मुहैया करवा दे।
2017 में दिया था विद्यालय
गौरतलब है कि पूर्व में जिला प्रशासन ने आरएसी बटालियन के आवास की सुविधा के लिए नहर परियोजना कॉलोनी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में अस्थायी आवास के लिए खाली पड़ी एक विंग को 29 सितम्बर 2017 में आवंटित की थी। इस विद्यालय को मर्ज करने के बाद इस विद्यालय में जुलाई 2019 में महात्मा गांधी अंग्रेजी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के रूप में संचालित किया जा रहा था। जैसे-जैसे कक्षाएं बढ़ी भवन में जगह की कमी पडऩे लगी। दूसरी तरफ आरएसी के जवानों के वहां आवास करने से विद्यार्थियों के अध्ययन तथा अन्य गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही थी। प्रधानाचार्य राणाराम ने भी जिला कलक्टर को इस भवन से जवानों को अन्यत्र आवास देने के लिए पत्र व्यवहार किया। इस मुद्दे को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह ने गत 13 मई को आरएसी के जवानों को अस्थायी आवास के रूप में रेलवे स्टेशन के पास रैन बसेरे का आवंटन कर दिया। इस प्रकार 5 साल बाद इस विद्यालय को मुक्ति मिली है। जवानों के कमरे खाली करने के बाद वहां कक्षाओं का सुचारु संचालन हो सकेगा।
आधे भवन में था ठहराव
2017 में आरएसी बटालियन के जवानों को रहने के लिए शुरुआत में चार कमरे दिए जाने की बात थी लेकिन बाद में समय बीतने के साथ जवान दस कमरों में काबिज हो गए। वर्तमान में यहां नर्सरी कक्षाओं से लेकर दसवीं तक की 15 कक्षाओं का संचालन होता है। जबकि उनके पास कमरे 10 ही हैं। विद्यालय में नन्हें बच्चों से लेकर बड़ी कक्षाओं में छात्राएं भी अध्ययनरत हैं। उनके साथ ही बच्चों को छोडऩे आने वाली महिलाओं को यहां आने-जाने में काफी हिचक का सामना करना पड़ता था।जवानों के नहाने और कपड़े सुखाने का स्थान भी विद्यालय का बाहरी हिस्सा ही था। इससे अभिभावकों और आसपास निवास करने वाले कॉलोनी के रहवासियों में भी रोष देखा जा रहा था। राजस्थान पत्रिका ने विद्यालय प्रबंधन, विद्यार्थियों व अभिभावकों की पीड़ा को आवाज दी और आखिरकार जिला प्रशासन ने उनकी सुध लेते हुए विद्यालय भवन से जवानों को रैन बसेरों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया।
पत्रिका ने समझा दर्द, आभार: विश्नोई
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ ने राजस्थान पत्रिका का आभार जताते हुए कलक्टर के निर्णय का स्वागत किया है। प्रदेश मंत्री प्रकाश विश्नोई ने कहा कि अब विद्यार्थी सुविधाजनक ढंग से अध्ययन कर सकेंगे। गौरतलब है कि विश्नोई ने इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से जिम्मेदारों के समक्ष उठाया था।