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जैसलमेर

150 गोशालाओं में 50 हजार गोवंश के लिए चारा-पानी जुटाना चुनौती

– 12 करोड़ का भुगतान अटका, 60 गोशालाओं ने किया अनुदान के लिए आवेदन- जिम्मेदारों का तर्क – अभी तक नहीं मिली प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति

जैसलमेरMay 20, 2022 / 08:19 pm

Deepak Vyas

150 गोशालाओं में 50 हजार गोवंश के लिए चारा-पानी जुटाना चुनौती

150 गोशालाओं में 50 हजार गोवंश के लिए चारा-पानी जुटाना चुनौती

पोकरण. जिलेभर में संचालित पंजीकृत गोशालाओं का तीन माह का करीब 12 करोड़ का अनुदान भुगतान बकाया होने के कारण संचालकों के लिए चारे पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। चारे के भाव इन दिनों आसमान छू रहे है। जबकि जिम्मेदार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से गोवंश के संरक्षण व संवर्धन को लेकर प्रदेश में संचालित पंजीकृत गोशालाओं को अनुदान दिया जाता है। तीन-तीन माह के अंतराल में नौ माह का अनुदान राशि दी जाती है। सरहदी जिले में करीब 150 गोशालाएं पंजीकृत है। यहां 45 से 50 हजार गोवंश का संरक्षण व संवर्धन किया जाकर उनके लिए छाया, पानी, चारे, आहार आदि की व्यवस्था की जा रही है। इन गोशालाओं के संचालकों को समय पर अनुदान राशि का भुगतान नहीं होने के कारण चारे पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में गोवंश के लिए चारे पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। भीषण गर्मी व अकाल के हालातों में चारे भाव आसमान छू रहे है। जैसलमेर जिले में अनुदान राशि नहीं मिलने के कारण गोशाला संचालकों को परेशानी हो रही है। जबकि पशुपालन विभाग के निदेशक लालसिंह ने बताया कि प्रदेश में आधे से ज्यादा जिलों में अनुदान राशि का भुगतान किया जा चुका है। ऐसे में सरहदी जिले में भुगतान के अभाव में गोवंश का संरक्षण मुश्किल होता जा रहा है।
तीन माह का अटका भुगतान
जिला गोपालन समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार की ओर से बड़े पशु के 40 व छोटे पशु के 20 रुपए अनुदान राशि दी जाती है। जिलेभर में 150 गोशालाओं में से 60 गोशाला संचालकों की ओर से जनवरी, फरवरी व मार्च माह के भुगतान के लिए आवेदन किया गया था। पशुपालन विभाग की ओर से इन 60 गोशालाओं में 35 गोशालाओं को भुगतान के लिए पात्र माना गया है, लेकिन अप्रेल माह पूरा व मई माह आधा गुजर चुका है। अभी तक उन्हें अनुदान राशि का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में संचालक पशुपालन विभाग व कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे है। साथ ही गोशालाओं का संचालन कर गोवंश का संरक्षण व संवर्धन करना मुश्किल हो गया है।
चारे के भाव छू रहे आसमान
सरहदी जिले में गत वर्ष बारिश की कमी के कारण भीषण अकाल के हालात उत्पन्न हो गए है। जिले में पर्याप्त चारा नहीं मिलने के कारण भाव बढ़ते जा रहे है। बाहरी जिलों से चारा महंगे दामों में यहां पहुंच रहा है। गोवंश को दी जाने वाली तूड़ी के भावों पर नजर डालें तो 1200 रुपए क्विंटल है। अनुदान राशि के अभाव में महंगे दामों में चारा खरीदना बूते से बाहर होता जा रहा है।
बैठक हुई है, स्वीकृति अब मिलेगी
अनुदान राशि के लिए जिला स्तरीय गोपालन समिति की बैठक हो चुकी है। अभी तक प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई है। स्वीकृति मिलते ही राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
– डॉ.असलम, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग, जैसलमेर।

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