सरहदी क्षेत्रों में जन आंदोलन बना कोरोना जागरुकता संचार अभियान
जन-जन तक पहुंचा रहे सेहत रक्षा का पैगाम
सरहदी क्षेत्रों में जन आंदोलन बना कोरोना जागरुकता संचार अभियान
जैसलमेर. वैश्विक महामारी कोरोना से समुदाय को बचाने के लिए जिले भर में शासन-प्रशासन के साथ ही विभिन्न संस्थाओं तथा एजेन्सियों की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में बचाव का संदेश शहरों से लेकर गांव-कस्बों व दूर-दराज के सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचा है। कोरोना वैश्विक महामारी के संकट काल में जन-जन को संक्रमण से बचने और बचाने की दिशा में सिकोईडिकोन संस्था की ओर से संचालित चाईल्ड लाइन 1098 परियोजना द्वारा जारी जन जागरुकता अभियान की अहम् भूमिका रही है। यह अभियान पिछले कई माहों से निरंतर जारी है।
जनचेतना और समझाईश पर जोर
बच्चों के कल्याण के उद्देश्य से संचालित संस्था चार्ईल्ड लाईन की कई टीमें जुटी हुई हैं। इन टीमों द्वारा गांवों, कस्बों और शहरों से लेकर ठेठ सीमा पर अवस्थित क्षेत्रों में पहुंच कर कोरोना से बचाव के लिए आमजन से अपील का दौर लगातार चल रहा है। इस इस दौरान लोगों को कोरोना संक्रमण से खतरों के बारे में अवगत कराते हुए इससे बचने के लिए जारी गाईड लाईन और सावधानियों के पालन के बारे में बताया जाता रहा है।
सेवा कार्यों में सहभागिता
चाइल्ड लाइन द्वारा पिछले माहों में कोरोना से बचाव के लिए संचालित विभिन्न गतिविधियों में सहभागिता निभायी जा रही है। खासकर पलायन को मजबूर मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए मूलभूत आवश्यकताओं, भोजनादि के लिए नगरपरिषद, प्रशासन एवं भामाशाहों के सहयोग से उन परिवारों तक भोजन की व्यवस्था सुलभ करवाने में भागीदारी निभाई गई।
जरूरतमंदों के द्वार तक दस्तक
चाइल्ड लाइन 1098 टीम की ओर से कोविड काल में जैसलमेर में विशेष तौर पर कच्ची बस्तियों-गजरूपसागर कच्ची बस्ती, पुलिस लाईन कच्ची बस्ती, रानीसर कच्ची बस्ती, सन्तूराम की ढांणी, गफूर भट्टा, बड़ाबाग भील बस्ती, भील बस्ती जैसलमेर, लौहारवास, तोतारम की ढाणी, बबर मगरा, सुदासर कच्ची बस्ती, किशनघाट आदि स्थानों पर आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से जन जागरुकता अभियान निरन्तर किया जाकर अधिकाधिक व्यापक जागरुकता प्रचार-प्रसार किया जाता रहा है।
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